गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. नवग्रह
  4. मई में शनि और गुरु होने जा रहे हैं वक्री, जानिए क्या होगा असर
Last Updated : बुधवार, 29 अप्रैल 2020 (17:51 IST)

मई में शनि और गुरु होने जा रहे हैं वक्री, जानिए क्या होगा असर

Shani and Brihaspati vakri 2020 | मई में शनि और गुरु होने जा रहे हैं वक्री, जानिए क्या होगा असर
मई माह में तीन ग्रह वक्री होंगे- शनि, बृहस्पति और शुक्र ग्रह। 11 मई 2020 को शनि और 14 मई 2020 को बृहस्पति ग्रह वक्री होने जा रहा हैं। इसके साथ ही शुक्र ग्रह भी वृषभ राशि में वक्री हो रहा है। शनि 29 सितंबर तक वक्री अवस्था में ही रहेंगे, जबकि गुरु 13 सितंबर 2020 तक रहेंगे। इसी वर्ष शनि 27 दिसम्बर 2020 को अस्त भी हो जाएंगे, जिससे शनि के प्रभाव कुछ कम हो जाते हैं। यहां वक्री ग्रह के सामान्य प्रभाव के बारे में संक्षिप्त जानकारी।
 
 
शनि का प्रभाव : शनि के वक्री होने से वृषभ, कर्क, सिंह, धनु और मीन राशि वालों के लिए संघर्ष का समय, वृश्चिक और कुंभ के लिए सामान्य, लेकिन मेष, मिथुन, कन्या, तुला और मकर राशि वाले निश्‍चिंत रहें। वैसे धनु और मकर राशि में पहले से ही शनि की साढ़े साती का प्रभाव चल रहा था। अब कुंभ राशि पर भी शनि की साढ़े साती का पहला चरण शुरु हो जाएगा। मकर और कुंभ शनि की दो राशियों में से शनि की दूसरी राशि कुंभ शनि की स्वराशि और मूल त्रिकोण राशि है। 2 अन्य राशि मिथुन और तुला पर शनि की ढैय्या चल रही है। अब जानिए सामान्य तौर पर शनि, बृहस्पति और शुक्र के वक्री होने पर क्या होगा।
 
 
1.बृहस्पति- इस ग्रह की दो राशियां हैं- पहली धनु और दूसरी मीन। यह ग्रह कर्क में उच्च का और मकर में नीच का होता है। जब बृहस्पति ग्रह वक्री होता है तो स्वा‍भाविक रूप से कर्क राशि वालों के लिए सकारात्मक और मकर राशि वालों के लिए नकारात्मक असर देता है। लेकिन बृहस्पति जब अन्य राशियों में भ्रमण करता है तो उसका इस राशि वालों लोगों के लिए फल अलग होता है।

 
2. शुक्र ग्रह- इस ग्रह की दो राशियां हैं- पहली वृषभ और दूसरी तुला। यह ग्रह मीन राशि में में उच्च और कन्या ‍राशि में नीच का होता है। जब यह ग्रह वक्री होता है तो स्वा‍भाविक रूप से मीन राशि वालों के लिए सकारात्मक और कन्या राशि वालों के लिए नकारात्मक असर देता है। लेकिन शुक्र जब अन्य राशियों में भ्रमण करता है तो उसका इस राशि वालों लोगों के लिए फल अलग होता है।

 
3. शनि- इस ग्रह की दो राशियां है- पहली कुंभ और दूसरी मकर। यह ग्रह तुला में उच्च और मेष में नीच का होता है। जब यह ग्रह वक्री होता है तो स्वाभाविक रूप से तुला राशि वालों के लिए सकारात्मक और मेष राशि वालों के लिए नकारात्मक असर देता है। लेकिन शनि जब अन्य राशियों में भ्रम करता है तो उसका अलग असर होता है। यदि वह मेष की मित्र राशि धनु में भ्रमण कर रहा है तो मेष राशि वालों पर नकारात्मक असर नहीं डालेगा। हालांकि शनि इस बार मकर राशि में वक्री होगा तो उसका असर मेष राशि पर सकारात्मक दिखाई दे रहा है।