कब लगता है सूर्यग्रहण
जब पृथ्वी, चंद्रमा व सूर्य एक सीधी रेखा में हों तो उस अवस्था में सूर्य को चांद ढक लेता है जिससे सूर्य का प्रकाश या तो मध्यम हो जाता है या फिर अंधेरा छाने लगता है इसी को सूर्यग्रहण कहा जाता है।
कितने प्रकार का होता है सूर्य ग्रहण
पूर्ण सूर्य ग्रहण : जब पूर्णत: अंधेरा छाए तो इसका तात्पर्य है कि चंद्रमा ने सूर्य को पूर्ण रूप से ढक लिया है इस अवस्था को पूर्ण सूर्यग्रहण कहा जाएगा।
खंड या आंशिक सूर्य ग्रहण : जब चंद्रमा सूर्य को पूर्ण रूप से न ढक पाऐ तो तो इस अवस्था को खंड ग्रहण कहा जाता है। पृथ्वी के अधिकांश हिस्सों में अक्सर खंड सूर्यग्रहण ही देखने को मिलता है।
वलयाकार सूर्य ग्रहण : वहीं यदि चांद सूरज को इस प्रकार ढके की सूर्य वलयाकार दिखाई दे यानि बीच में से ढका हुआ और उसके किनारों से रोशनी का छल्ला बनता हुआ दिखाई दे तो इस प्रकार के ग्रहण को वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है। सूर्यग्रहण की अवधि भी कुछ ही मिनटों के लिए होती है। सूर्य ग्रहण का योग हमेशा अमावस्या के दिन ही बनता है।
2019 में सूर्य ग्रहण
2019 में तीन सूर्य ग्रहण का संयोग बना है। इनमें से दो ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देंगें जिस कारण इनका प्रभाव न के बराबर रहेगा। 2019 का पहला सूर्य ग्रहण 6 जनवरी को लगा था। इसके बाद 2 जुलाई को दूसरा सूर्य ग्रहण लग रहा है। 26 दिसंबर 2019 को तीसरा सूर्य ग्रहण लगेगा। इसकी खास बात यह है कि यह भारत में भी देखा जा सकेगा। पहला व दूसरा सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा। हालांकि दुनिया के अन्य कई हिस्सों में इन्हें देखा जा सकेगा।
ग्रहण काल का समय
ग्रहण का सूतक काल वैसे तो ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरु हो जाता है लेकिन 2019 के ये आंशिक सूर्यग्रहण भारतीयों को प्रभावित नहीं करेगें।
दूसरा सूर्य ग्रहण आरंभ 02 जुलाई 2019 11:31 अपराह्न
दूसरा सूर्य ग्रहण समाप्त 03 जुलाई 2019 02:15 पूर्वाह्न
भारतीय समय के अनुसार ग्रहण का आरंभ रात 10 बजकर 25 मिनट पर हो सकता है। खग्रास आरंभ रात 11 बजकर 32 मिनट पर, ग्रहण का मध्य जिसे परमग्रास कहते हैं वह रात 12 बजकर 53 मिनट पर होगा। ग्रहण समाप्त यानी ग्रहण का मोक्ष 3 जुलाई को सुबह 3 बजकर 21 मिनट पर होगा। यानी यह ग्रहण करीब 4 घंटे का होगा।
सूर्यग्रहण का सूतक 2 जुलाई को दिन में 10 बजकर 25 मिनट पर आरंभ हो जाएगा।
शास्त्रों में नियम है कि ग्रहण के सूतक का विचार उन्हीं स्थानों पर होता है जहां वह दृश्य होता है और जहां ग्रहण के दौरान सूर्य या चंद्रमा की रोशनी पड़ती है।
भारतीय समयानुसार सूर्य ग्रहण मंगलवार, 2 जुलाई को रात 10:25 बजे शुरू होगा। इस दौरान पूरे 4 मिनट, 33 सेकंड तक पूर्ण सूर्य ग्रहण रहेगा। अगस्त 2017 में हुए पिछले पूर्ण सूर्य ग्रहण के मुकाबले इस सूर्य ग्रहण का पूरा समय लगभग दोगुना होगा। उस वक्त पूर्ण सूर्य ग्रहण सिर्फ 2 मिनट, 40 सेकेंड तक चला था।
सूर्य ग्रहण पर सावधानियां
ग्रहण काल के समय खानपान न करें
प्रभु का स्मरण करते हुए पूजा, जप, दान आदि धार्मिक कार्य करें।
इस समय नवग्रहों का दान करना भी लाभकारी रहेगा।
जो विद्यार्थी अच्छा परिणाम चाहते हैं वे ग्रहण काल में पढाई शुरु न करें बल्कि ग्रहण के समय से पहले से शुरु कर ग्रहण के दौरान करते रहें तो अच्छा रहेगा।
घर में बने पूजास्थल को भी ग्रहण के दौरान ढक कर रखें।
ग्रहण से पहले रात्रि भोज में से खाना न ही बचाएं तो ठीक रहेगा।
यदि दूध, दही या अन्य तरल पदार्थ बच जाएं तो उनमें तुलसी अथवा कुशा डालकर रखें इससे ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ेगा।
ग्रहण समाप्ति पर पूजा स्थल को साफ कर गंगाजल का छिड़काव करें, देव मूर्ति को भी गंगाजल से स्नान करवाएं फिर भोग लगाएं।