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Sankashti Chaturthi 2021: संकष्टी चतुर्थी के दिन कैसे करें पूजन, पढ़ें आसान विधि एवं मुहूर्त

Sankashti Chaturthi 2021: संकष्टी चतुर्थी के दिन कैसे करें पूजन, पढ़ें आसान विधि एवं मुहूर्त - Sankashti Chaturthi Muhurat 2021
Sankashti Chaturthi 2021
 
संकष्टी चतुर्थी, सकट चौथ, संकट चौथ, वक्रतुंडी चतुर्थी, माही और तिलकुटा चौथ के नाम से जाने जाने वाली इस चतुर्थी पर श्री गणेश का पूजन किया जाता है। आइए पढ़ें पूजन विधि- 
 
गणेश चतुर्थी की पूजन विधि :- 
 
* श्री चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर प्रतिदिन के कर्मों से निवृ होकर स्नान करें। 
 
* फिर एक पटिए पर लाल कपड़ा बिछाकर गणपति की स्‍थापना के बाद इस तरह पूजन करें- 
 
* सबसे पहले घी का दीपक जलाएं। इसके बाद पूजा का संकल्‍प लें।
 
* फिर गणेश जी का ध्‍यान करने के बाद उनका आह्वान करें।
 
 
* इसके बाद गणेश को स्‍नान कराएं। सबसे पहले जल से, फिर पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी का मिश्रण) और पुन: शुद्ध जल से स्‍नान कराएं। 
 
* गणेश के मंत्र व चालीसा और स्तोत्र आदि का वाचन करें।
 
* अब गणेश जी को वस्‍त्र चढ़ाएं। अगर वस्‍त्र नहीं हैं तो आप उन्‍हें एक नाड़ा भी अर्पित कर सकते हैं।
 
* इसके बाद गणपति की प्रतिमा पर सिंदूर, चंदन, फूल और फूलों की माला अर्पित करें। 
 
* अब बप्‍पा को मनमोहक सुगंध वाली धूप दिखाएं। 
 
* अब एक दूसरा दीपक जलाकर गणपति की प्रतिमा को दिखाकर हाथ धो लें। 
 
* हाथ पोंछने के लिए नए कपड़े का इस्‍तेमाल करें।
 
* अब नैवेद्य चढ़ाएं। नैवेद्य में मोदक, मिठाई, गुड़ और फल शामिल करें।
 
* इसके बाद गणपति को नारियल और दक्षिण प्रदान करें।
 
* सकंष्टी/ सकट चतुर्थी की कथा श्रवण करें अथवा पढ़ें।

 
* अब अपने परिवार के साथ गणपति की आरती करें। गणेश जी की आरती कपूर के साथ घी में डूबी हुई एक या तीन या इससे अधिक बत्तियां बनाकर की जाती है। 
 
* इसके बाद हाथों में फूल लेकर गणपति के चरणों में पुष्‍पांजलि अर्पित करें। 
 
* अब गणपति की परिक्रमा करें। ध्‍यान रहे कि गणपति की परिक्रमा एक बार ही की जाती है।
 
* इसके बाद गणपति से किसी भी तरह की भूल-चूक के लिए माफी मांगें।
 
* पूजा के अंत में साष्टांग प्रणाम करें।
 
 
* रात को चंद्रमा की पूजा और दर्शन करने के बाद व्रत खोलना चाहिए। {इस चतुर्थी पर चंद्रोदय रात्रि 08 बजकर 27 मिनट पर होगा।}
 
भविष्य पुराण के अनुसार संकष्टी चतुर्थी की पूजा और व्रत करने से हर तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं। गणेश पुराण के अनुसार इस व्रत के प्रभाव से सौभाग्य, समृद्धि और संतान सुख मिलता है। शाम को चंद्रमा निकलने से पहले गणपति जी की एक बार और पूजा करें और संकष्टी व्रत कथा का फिर से पाठ करें। अब व्रत का पारण करें। 
 
संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रोदय का समय और पूजन का मुहूर्त :- 
 
चतुर्थी तिथि 31 जनवरी 2021 को रात्रि 08.24 मिनट से आरंभ होगी और इस तिथि का समापन 1 फरवरी 2021 को शाम 06.24 मिनट पर होगा।