Pushya nakshatra: 8 दिसंबर 2025 सोमवार की सुबह 04 बजर 11 मिनट से अगले दिन 9 दिसंबर को सुबह 02 बजकर 52 मिनट तक पुष्य नक्षत्र का योग रहेगा। पंचांगभेद से यह दिन में 09:03 से अगले दिन सुबह 08:15 तक रहेगा। यह शनि का नक्षत्र है। पुष्य नक्षत्र में सोना-चांदी खरीदना सबसे अधिक शुभ माना जाता है। इसे धन और समृद्धि की स्थिरता का प्रतीक माना जाता है। या वाहन जैसे कार, स्कूटर, बाइक आदि खरीदना इस दिन विशेष रूप से शुभ होता है, जिससे वाहन का उपयोग शुभ फल देता है। हालांकि आज जानें खरीदी की बजाए शुभ उपाय।
सोम पुष्य नक्षत्र का महत्व: 8 दिसंबर का यह दिन आपकी आर्थिक प्रगति, नए कार्यों की सफलता और जीवन में चिरस्थायी खुशहाली के लिए सैकड़ों गुना अधिक लाभ देने वाला माना जा रहा है। पुष्य नक्षत्र का सोमवार के दिन पड़ना ज्योतिष में सोम पुष्य योग कहलाता है। इसे एक अत्यंत शुभ और शक्तिशाली योग माना जाता है, जिसे 'सर्वार्थ सिद्धि योग' के समान फलदायी बताया गया है। पुष्य' का शाब्दिक अर्थ है 'पोषण करने वाला'। इसका प्रतीक 'गाय का थन' है, जो पोषण, समृद्धि और उन्नति का प्रतिनिधित्व करता है। इस योग में किया गया कोई भी कार्य या निवेश स्थायी सुख, समृद्धि और बरकत प्रदान करता है।
पुष्य नक्षत्र को 'नक्षत्रों का सम्राट' कहा जाता है, क्योंकि यह सौ दोषों को दूर करने की क्षमता रखता है। इसलिए, यह दिन किसी भी बड़े निवेश, नए कार्य की शुरुआत, या शुभ अनुष्ठान के लिए पंचांग देखने की आवश्यकता को कम कर देता है। यह योग पूजा-पाठ, दान, सेवा और विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा के लिए बहुत फलदायी है। इस दिन किए गए ये कार्य जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक उन्नति लाते हैं।
8 दिसंबर 2025 (सोम पुष्य योग) के लिए विशेष उपाय:
1. शनि की प्रसन्नता, धन-धान्य और समृद्धि के लिए
पीपल के नीचे दीया: शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे गाय के घी का दीपक जलाएं। यह उपाय धन संबंधी समस्याओं को दूर करता है और सौभाग्य को आकर्षित करता है। इसी के साथ ही यदि आप सरसो के तेल का दीपक जलाते हैं तो यह उपाय शनि की साढ़ेसाती, ढैया, दशा और महादशा में भी लाभ देता है।
लक्ष्मी पूजा और श्री सूक्त पाठ: सोम पुष्य योग के दिन सुबह या शाम को माँ लक्ष्मी की पूजा करें। पूजा के दौरान श्री सूक्त का पाठ करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इससे घर में धन का स्थायी वास होता है।
हल्दी की गांठ: पूजा के स्थान पर या अपनी तिजोरी में हल्दी की एक गांठ को लाल कपड़े में लपेटकर रखें। पुष्य नक्षत्र में हल्दी को तिजोरी में रखना बहुत शुभ माना जाता है।
2. सफलता और नए कार्यों की शुरुआत के लिए
ज्ञान और बुद्धि की वृद्धि: इस नक्षत्र के अधिपति बृहस्पति (गुरु) और देवता शनि हैं। इसलिए, इस दिन किसी भी नए कोर्स, व्यापारिक अनुबंध, या बड़े निवेश की शुरुआत करना अत्यंत शुभ रहेगा।
कार्यक्षेत्र में उन्नति: कार्यस्थल पर अपने वरिष्ठों, गुरुओं या पिता तुल्य व्यक्तियों का आशीर्वाद लें। उन्हें सम्मान देने से आपके भाग्य में वृद्धि होती है और कार्यक्षेत्र की बाधाएं दूर होती हैं।
3. सुख-शांति और शांति के लिए
दूध से शिवलिंग का अभिषेक: चूँकि यह सोमवार का दिन है, इसलिए सुबह स्नान के बाद भगवान शिव का दूध और जल से अभिषेक करें। 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें। यह मानसिक शांति प्रदान करता है।
दान-पुण्य: इस शुभ दिन पर अपनी क्षमतानुसार अन्न, वस्त्र या धन का दान करना चाहिए। किसी जरूरतमंद या ब्राह्मण को पीली वस्तुएँ (जैसे चना दाल, गुड़, या पीले वस्त्र) दान करने से गुरु की कृपा प्राप्त होती है। इन उपायों को श्रद्धापूर्वक करने से आपके जीवन में सुख, समृद्धि और स्थायित्व आता है।