• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. आलेख
  4. mauni maghi amavasya shahi snan
Written By

मौनी अमावस्या, कुंभ का दूसरा शाही स्नान, ऐसे मिलेगा पुण्य, पढ़ें 4 बातें खास

मौनी अमावस्या, कुंभ का दूसरा शाही स्नान, ऐसे मिलेगा पुण्य, पढ़ें 4 बातें खास - mauni maghi amavasya shahi snan
माघ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी या माघी अमावस्या कहते हैं। साल 2019 में मौनी अमावस्या 4 फरवरी को है। कुंभ मेले में दूसरा शाही स्नान माघ मौनी अमावस्या के दिन किया जाता है। हिंदू धर्म में ये मान्यता है कि इसी दिन कुंभ के पहले तीर्थंकर ऋषभ देव ने अपनी लंबी तपस्या का मौन व्रत तोड़ा था और संगम के पवित्र जल में स्नान किया था। इस बार मौनी अमावस्या (सोमवती अमावस्या) श्रवण नक्षत्र में है, इस दिन खास योग बन रहे हैं।
 
1.
40 घाट तैयार
दूसरे शाही स्नान को देखते हुए योगी सरकार भी सजग है। पहले शाही स्नान पर श्रद्धालुओं को देखते हुए दूसरे शाही स्नान पर घाटों की संख्या को बढ़ा दिया है। दूसरे शाही स्नान में करीब 40 घाट होंगे। संगम पर स्नान के लिए छह किलोमीटर का घाट तैयार कराया गया है। 
 
2 . मौन व्रत
हिंदू धर्म के मुताबिक, माघ अमावस्या के दिन भगवान मनु का जन्म हुआ था। मौनी अमावस्या नाम से ही स्पष्ट होता है, इस दिन मौन रहकर व्रत रखना चाहिए। 10 मिनट का मौन भी दे सकता है आपको शुभ पुण्य फल.. बशर्ते वह पूरी श्रद्धा, एकाग्रता व संकल्प से किया जाए। सोमवती अमावस्या का विशेष संयोग इस दिन मौन व्रत के पुण्य फल में वृद्धि कर रहा है।
 
3. स्नान और तर्पण 
इस दिन पवित्र जलाशय, नदियों में स्नान व पितरों का तर्पण करने से पितरों को शांति और कई गुना पुण्य मिलता है। मौन व्रत रखने से वाक् सिद्धि की प्राप्ति होती है। मौनी अमावस्या को गूंगी अमावस्या भी कहा जाता है। कुछ लोग स्नान से पहले मौन रहते हैं, तो कुछ व्रत रखकर मौन रहते हैं। सोमवती अमावस्या के दिन सूर्य नारायण को अर्घ्य देने से गरीबी और दरिद्रता दूर होती है। 
 
4. भगवान शिव-विष्णु वरुण देव की करें पूजा
सोमवती अमावस्या के दिन किसी पवित्र जल से स्नान करने से बहुत लाभ मिलता है। अखंड सौभाग्य और संतान की शुभता के लिए यह व्रत रखना चाहिए और पवित्र जल से स्नान कर दान करना चाहिए।

भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा एक साथ करनी चाहिए। सोमवार का स्वामी चंद्रमा होता है और चंद्रमा जल का कारक है अत: सोमवती अमावस्या के दिन जल (वरुण देव) की पूजा(कलश में गंगा जल या अन्य नदियों के पवित्र जल की पूजा) और जल से शिव जी और सूर्य अर्घ्य पूजा दोनों ही जरूरी है। 
ये भी पढ़ें
मौनी अमावस्या 4 फरवरी को, कर डालें ये 10 उपाय, एक रात में ही धन के भरने लगेंगे भंडार