मंगल एक पराक्रमी ग्रह माना गया है। इससे संबंधित रिश्तों का भी दिलचस्प ज्योतिष है। आइए जानते हैं मंगल के कुंडली में किसी भी घर में बैठे होने पर हमारे कौन-से रिश्ते पर कैसा असर पड़ता है :-
यह हैं मंगल के रिश्ते : -
पहला घर - भाई।
दूसरा घर - बड़ा भाई।
तीसरा घर - ताऊ।
चौथा घर - मामा।
पांचवां घर - मित्र।
छठा घर - बहनोई (जीजा)।
सातवां घर- भाई या साला।
आठवां घर- छोटे भाइयों के लिए दुष्ट भाई।
नौवां घर- दादा का भाई (बाबा)।
दसवां घर- पिता का धर्म भाई।
ग्यारहवां घर- पिता का दिखावी भाई।
बारहवां घर- बड़े भाई के खून का प्यासा भाई।
मंगल की वस्तुएं : -
पहला घर- दांत, सफेद अनाज की रोटी।
दूसरा घर- चिंता, मृग।
तीसरा घर- पेट, होंठ, छाती।
चौथा घर- तलवार, डेक का वृक्ष।
पांचवां घर- भाई, नीम का वृक्ष।
छठा घर- नाभि, छछूंदर।
सातवां घर- वृक्ष, फलदार पौधे, बेलें, लताएं।
आठवां घर- बिना बांहों का शरीर।
नौवां घर- लाल रंग (रक्तिम)।
दसवां घर- देशी खांड, शहद, मीठा भोजन।
ग्यारहवां घर- लाल रंग का सिंदूर।