मार्गशीर्ष अमावस्या पर इन 5 पौधों पर चढ़ाएं जल, सिर्फ 3 दिन में ही मिलेगा शुभ फल
Margsheersh Amavasya 2022: मार्गशीर्ष अमावस्या पर का पुराणों में बहुत महत्व बताया गया है। अंग्रेंजी कैंलेंडर के अनुसार इस बार यह अमावस्या 23 नवंबर 2022 बुधवार को रहेगी। इस दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान, स्नान एवं दान किया जाता है। इस दिन व्रत रखने से सभी तरह के संकटों का अंत होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यदि आप व्रत नहीं रख रहे हैं तो 5 पेड़ या पौधे में जल अर्पित करें।
1. पीपल : इस दिन पीपल की पूजा करना, उसे जल अर्पित करना और उसकी 11 परिक्रमा करने का विधान है। पीपल में श्रीहरि विष्णु का वास बताया गया है। सूर्योदय के समय पीपल को जल और कच्चा चढ़ाएं। आपकी सभी इच्छाएं पूर्ण होगी। पितृदोष दूर होगा।
2. बरगद : बरगद के वृक्ष में तीनों देवताओं ब्रह्मा, विष्णु और महेष का वास माना गया है। बरगद में जल अर्पित करके उसकी परिक्रमा करने से जन्मकुंडली में अशुभ फल दे रहे ग्रह भी शांत होते हैं और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। इसी के साथ ही त्रिदेवों का आशीर्वाद मिलेगा।
3. तुलसी : तुलसी के पौधे में उचित मात्रा में जल अर्पित करने से देवी वृंदा के साथ ही माता लक्ष्मी प्रसन्न होंगी। इसे घर में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होगा।
4. शमी : शमी के पौधे को साक्षा शनिदेव माना जाता है। इसके पेड़ या पौधे में जल अर्पित करने से भगवान शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है और सभी तरह के शनिदोष से छुटकारा मिलता है।
5. बेलपत्र : भगवान शिव का प्रिय पौधा बेलपत्र बहुत ही पवित्र पौधा है। इसमें जल अर्पित करने से जहां भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है वहीं पूर्वजों की कृपा भी प्राप्त होती है।