इस जन्माष्टमी पर कैसे करें समस्या का निवारण, जानिए 9 अचूक मंत्र
* समस्या निवारण के अत्यंत उपयुक्त दिन है जन्माष्टमी
* जन्माष्टमी पर इन सरल उपायों से करें अपनी समस्या का समाधान
सन् 2015 में जन्माष्टमी शनिवार, 5 सितंबर को मानी गई है। समस्या निवारण के लिए यह दिन अत्यंत उपयुक्त है। निम्न तरीके से किए गए जप-अनुष्ठान संलग्न समस्याओं से निजात दिलाते हैं।
आगे पढ़ें समस्या निवारण के सरलतम उपाय...
(1) दारिद्रय निवारण के लिए- '
श्री हरये नम:' का यथाशक्ति जप करें तथा श्रीकृष्ण भगवान के विग्रह का पंचोपचार पूजन कर पंचामृत का नेवैद्य लगाएं।
(2) दैन्य नाश व सुख-शांति के लिए-
'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का जप करें। श्रीकृष्ण भगवान के विग्रह का पंचामृत से अभिषेक कर मेवे का नेवैद्य लगाएं। यह मंत्र कल्पतरु है।
(3) विपत्ति-आपत्ति से बचने के लिए-
'श्रीकृष्ण शरणं मम्' का जप करें।
(4) शांति तथा मोक्ष प्राप्ति के लिए- '
ॐ क्लीं हृषिकेशाय नम:' का जप करें।
(5) विवाहादि के लिए- 'श्री गोपीजन वल्लभाय स्वाहा' का जप करें तथा राधाकृष्ण के विग्रह का पूजन करें।
(6) घर में सुख-शांति के लिए- 'ॐ नमो भगवते रुक्मिणी वल्लभाय स्वाहा' का जप करें तथा कृष्ण-रुक्मणी का चित्र सामने रखें।
(7) संतान प्राप्ति के लिए-
निम्न मंत्र की 1 माला नित्य करें। निश्चित ही संतान प्राप्ति होती है तथा उच्चारण का विशेष ध्यान रखें।
'ॐ देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते।
देहि में तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।'
(8) धन-संपत्ति के लिए-
'ॐ श्रीं लक्ष्मी वासुदेवाय नम:'। श्री लक्ष्मी-विष्णु की प्रतिमा रखकर पंचोपचार पूजन कर जपें।
(9) शत्रु शांति के लिए -
भगवान नृसिंह की सेवा अत्यंत लाभदायक है। निम्न मंत्र की एक माला नित्य करने से शत्रु शांति, टोने-टोटके, भूत-प्रेत आदि से बचाव होता है-
'ॐ उग्र वीरं महाविष्णुं ज्वलंतं सर्वतोमुखम्।
नृसिंह भीषणं भद्रं, मृत्युं-मृत्युं नमाम्यहम्।।'
उपरोल्लिखित मंत्रों में पूजन में तुलसी का प्रयोग अवश्य करें। पूर्वाभिमुख होकर। कुशासन तथा श्वेत वस्त्र का उपयोग करें।