भारतीय संस्कृति के अनुसार जब भी खरमास या मलमास (Kharmas 2021) लगता है, तो शुभ मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाता है। इस बार 16 दिसंबर से खरमास लग रहा है, जो एक माह तक प्रभावी होने के कारण इस अवधि में समस्त शुभ कार्य नहीं हो सकेंगे। यहां जानिए 10 खास बातें 10 special things-
यहां जानिए 10 खास बातें 10 special things-
1. किसी भी शुभ मांगलिक या विवाह कार्यक्रम के लिए बृहस्पति ग्रह बहुत महत्व रखता है, ऐसे समय में जब गुरु यानी बृहस्पति सूर्य के नजदीक आ जाता है तो उसकी (बृहस्पति) की सक्रियता न्यून हो जाती है जिसे आम भाषा में अस्त होना भी कहते हैं। ऐसी स्थिति में किसी भी तरह के मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।
2. हिन्दू धर्म में इस माह को शुभ नहीं माना जाता है इसलिए इस महीने में किसी भी तरह के नए या शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
3. खरमास या मलमास के महीने में हिन्दू धर्म के विशेष संस्कार, जैसे नामकरण संस्कार, यज्ञोपवीत या शुभ विवाह के कार्य नहीं होते हैं।
4. मलमास को मलिन मास भी माना जाता है, अत: यह मलिन मास होने के कारण इसे मलमास कहा जाता है।
5. बृहस्पति या गुरु ग्रह सुखी वैवाहिक जीवन और संतान सुख देने वाला माना जाता है। अत: ऐसे समय में उसके अस्त होने के कारण इस पूरे माह भर किसी भी तरह के शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।
6. शुभ विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के सिद्ध होने के लिए गुरु का बलवान होना बहुत जरूरी है। अत: मलमास के पश्चात ही शुभ कार्य करना उचित माना जाता है।
7. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास के समयावधि में सूर्य की चाल धीमी हो जाती है, अत: इस समय कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
8. मलमास के संबंध में यह भी मान्यता है कि खरमास में यदि कोई व्यक्ति प्राण त्याग करता है तो उसे नर्क में निवास मिलता है।
9. इस माह में किसी भी तरह का कोई भी मांगलिक कार्य- जैसे शादी विवाह, सगाई, वधू का गृह प्रवेश, गृह प्रवेश, नया गृह निर्माण, नई जमीन की खरीदारी, नया व्यापार का आरंभ आदि कार्य न करें।
10. Kharmas 10 special things खरमास/मलमास में जीरा, जौ, तिल, सेंधा नमक, सुपारी और मूंग की दाल आदि नहीं खाना चाहिए।