हिन्दू ज्योतिष शास्त्र में गुरु गोचर का अपना एक महत्व है। सौरमंडल में स्थित नवग्रहों में गुरु ग्रह को सबसे शुभ माना गया है। गुरु ग्रह को धनु व मीन राशि का स्वामित्व प्राप्त है। गुरु के प्रभाव से जातक का मन धर्म एवं आध्यात्मिक कार्यों में अधिक लगता है।गुरु कर्क राशि में उच्च भाव और मकर राशि में नीच के होते है। आइए अब हम जानते है गुरु गोचर 2019 के बारे में।
				  																	
									  
	 
	4 नवंबर 2019 को गुरु धनु राशि में आ गए हैं। गुरु के इस राशि परिवर्तन का असर सभी 12 राशियों पर हो रहा है।आइए जानते हैं गुरु के इस राशि परिवर्तन का आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
	
				  
	मेष : गुरु आपकी राशि से नवम भाव में गोचर कर रहे हैं। इस गोचर के प्रभाव के कारण आपकी कामकाज में तरक्की होगी। संतान सुख उत्तम बना रहेगा। आपको समाज और कार्यक्षेत्र में मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। इस गोचर के दौरान धन-संपत्ति की प्राप्ति होगी, कामकाज में अच्छा धनलाभ होगा। धार्मिक कार्य की ओर आपका मन आकर्षित होगा। तीर्थयात्रा करने के कई अवसर आपको मिलेंगे। इस गोचर के दरम्यान आपके घर नन्हे मेहमान का आगमन होने के संकेत मिल रहे है।
				  						
						
																							
									  
	 
	उपाय : शिव भगवान की आराधना करें तथा शिव भगवान का रुद्राभिषेक करें।
	
	वृषभ : गुरु आपकी राशि से अष्टम भाव में गोचर कर रहे हैं। इस गोचर के दौरान शेयर मार्केट में निवेश करने से बचें, और अगर निवेश करना ही है तो सोच-विचार अवश्य कर लें। इस गोचर में आपको कोई अशुभ समाचार मिल सकता है। व्यापारी हो या नौकरीपेशा व्यक्ति हो यह गोचर आपके लिए रूकावट उत्पन्न करनेवाला है, मनवांछित सफलता नहीं मिलेगी। इस गोचर के दौरान आपका मन धार्मिक कार्य की और अधिक आकर्षित होगा तथा आप धार्मिक यात्राएं भी करेंगे। इस दौरान धन हानि की संभावना भी बन रही है इसलिए लेन-देन के मामले में थोड़ी सावधानी बरतें, बिना सोचे-समझे किसी भी व्यक्ति पर विश्वास न करें।
				  																													
								 
 
 
  
														
																		 							
																		
									  
	 
	उपाय : पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करें तथा गाय का घी दान करें।
	
	मिथुन : गुरु आपकी राशि से सप्तम भाव में गोचर कर रहे हैं। यह गोचर पार्टनरशिप में काम करने के लिए बेहतर है, जो लोग पार्टनरशिप में काम करना चाहते है उनके लिए अच्छा समय है। इस गोचर में आपकी वाणी में मिठास देखने को मिलेगी। आप हर काम बुद्धिमानी से करेंगे। इस गोचर में आपको अचानक धन लाभ होगा। आपकी खाने-पीने में रूचि बनी रहेगी। इस गोचर में वैवाहिक जीवन का भरपूर आनंद आप लेंगे।
				  																	
									  
	 
	उपाय : घर में हवन करवाएं तथा कपूर का दीया जलाएं।
	
	कर्क : देवताओं के गुरु आपकी राशि से षष्ठ भाव में गोचर कर रहे हैं। गुरु के षष्ठ भाव में स्थित होने से आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। इस दौरान आप मानसिक तनाव से परेशान रह सकते हैं इसलिए बेहतर होगा कि विषम परिस्थितियों में धैर्य के साथ काम लें और अधिक तनाव लेने से बचें। इस काल में शत्रु आपको परेशान कर सकते हैं।
				  																	
									  
	 
	पारिवारिक कलह देखने को मिलेंगे। बैंक से लोन लेने के लिए यह गोचर अच्छा है। प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिलेगी। इस कालावधि में अगर आप नवीन नौकरी की तलाश में है तो निश्चित रूप से आपको नौकरी मिलेगी। यदि आपने मेहनत और लगन के साथ प्रयास किया तो नतीजे आपके पक्ष में आएंगे।
				  																	
									  
	 
	उपाय : केले के वृक्ष की पूजा गुरूवार के दिन करे तथा पीले पदार्थ गरीबों में बांटें।
	
				  																	
									  
	सिंह : गुरु आपकी राशि से पंचम भाव में गोचर कर रहे हैं। इस अवधि में आपके नए-नए संपर्क बनेंगे और इनसे लाभ की प्राप्ति होगी। यह गोचर आपके लिए शुभ समाचार लेकर आया है। आप परोपकार तथा धार्मिक कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे तथा धार्मिक किताबों को पढ़ने में रूचि दिखाएंगे।
				  																	
									  
	 
	व्यापार तथा नौकरी में आपको अच्छी सफलता मिलेगी। पढाई-लिखाई में आपकी रूचि बनी रहेगी। इस गोचर के दरम्यान आपके घर नन्हे बालक का आगमन होगा। आप प्रॉपर्टी की खरीदी करेंगे। यह गोचर धन-संपत्ति के लिए उत्तम है। वैवाहिक सुख तथा संतान सुख के लिए यह गोचर बेहतर है।
				  																	
									  
	 
	उपाय : ॐ ब्रं बृहस्पतये नम: का जाप करें। 
	
	कन्या : गुरु आपकी राशि से चतुर्थ भाव में गोचर कर रहे है। यह गोचर आपके लिए बहुत अच्छा नहीं कहा जाएगा। इस गोचर के दौरान आपके मन में धर्म और आध्यात्मिक विचारों की वृद्धि होगी। आप दिखावे से ज्यादा साधा जीवन जीने में विश्वास रखते हैं। इस गोचर में आपका व्यवहार दूसरों के प्रति बहुत ही मधुर और सौम्य होगा। यह भी संभव है आपके अपने नजदीकी लोग ही आपके साथ विश्वासघात करें। सयंम तथा धैर्य से परिस्थिति को संभालने का प्रयास करें।
				  																	
									  
	 
	उपाय : गाय को घर की बनी पहली रोटी खिलाएं।
	
	तुला : गुरु आपकी राशि से तृतीय भाव में गोचर कर रहे हैं। इस गोचर में आपकी छोटी-छोटी यात्राएं होंगी। इस समय निवास स्थान में परिवर्तन की संभावना बनी हुई है। इस गोचर के दौरान आपके अंदर आलस्य की प्रधानता बनी रहेगी। यह गोचर आपके लिए बहुत बढ़िया नहीं कहा जाएगा परंतु धैर्य से काम लेंगे तो कुछ समय बाद ही कुछ परिस्थितियां फिर से आपके अनुकूल हो जाएंगी। क्रोध ना करें तथा अपने व्यवहार में सौम्यता रखें।  आपके धार्मिक ज्ञान में वृद्धि होगी। ईश्वर के प्रति आस्था में इजाफा होगा।
				  																	
									  
	 
	उपाय : गाय को रोटी खिलाएं। गुरुवार को चने की दाल मंदिर में देकर आएं।
	
	वृश्चिक : गुरु आपकी राशि से द्वितीय भाव में गोचर कर रहे हैं। ज्योतिष में द्वितीय भाव को धन स्थान कहा गया है इसलिए यह भाव सभी के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस गोचर के दौरान आपके घर किसी मांगलिक कार्य के संपन्न होने की संभावना अधिक है। घर में मेहमानों का आना-जाना लगा रहेगा और मन में प्रसन्नता देखने को मिलेगी। गृहस्थ जीवन अच्छा बना रहेगा। जीवनसाथी के साथ आपके मधुर संबंध देखने को मिल सकते हैं। अगर आपकी किसी से शत्रुता है तो आपके शत्रु आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे। शत्रुओं पर आप भारी पड़ेंगे। कामकाज में वृद्धि होगी तथा अच्छा धनलाभ होगा। गोचर आपके लिए शुभ है।
				  																	
									  
	 
	उपाय : गुरु के बीज मंत्रों का जाप करें : ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।
	 
				  																	
									  
	गुरु का एकाक्षरी मंत्र- ॐ ब्रं बृहस्पतये नम: का जाप करें।
	
	धनु : गुरु आपकी राशि में गोचर कर रहे हैं । इस गोचर के दौरान छात्र पढाई में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। वैवाहिक जीवन का सुख और संतान सुख अच्छा मिलेगा। इस गोचर के दौरान आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी तथा आप जिस काम को करने की ठान लेंगे उस काम में आपको बरकत होगी।
				  																	
									  
	 
	इस गोचर के दौरान धन-हानि होने की संभावनाएं अधिक है। आपके स्वभाव में गुस्सा देखने को मिलेगा, धन का नुकसान होने के कारण आपका मन अशांत रहेगा तथा आप बेवजह किसी के साथ बहस करने लग जाएंगे। किसी भी काम को जल्दबाजी में न करते हुए अगर आपने सयंम से किया तो आपको लाभ होगा और हालात आपके अनुसार देखने को मिलेंगे।
				  																	
									  
	 
	उपाय : पीला पुखराज धारण करें, पीले वस्त्र दान करें।
	
	मकर : गुरु आपकी राशि से द्वादश भाव में गोचर कर रहे हैं। यह गोचर आपके लिए मिला-जुला रहनेवाला है। इस गोचर के दौरान धार्मिक कार्य की तरफ आपकी रूचि बननेवाली है। विदेश यात्रा करने वाले लोगों की यात्रा सुखद होगी। आप कामकाज के सिलसिले में लम्बी दूरी की यात्राएं करेंगे। वैवाहिक सुख मिलाजुला रहनेवाला है। संतान सुख में कुछ दिक्कते बनी रहेंगी। धन का आगमन होगा लेकिन उसी के अनुसार खर्च भी होगा। बेवजह किसी वाद-विवाद में ना पड़े अन्यथा आपकी दिक्कतें बढ़ सकती हैं।
				  																	
									  
	 
	उपाय : केसर का तिलक अपने माथे पर लगाएं तथा पीला रुमाल अपने पास रखें।
	
	कुंभ : गुरु आपकी राशि से एकादश भाव में गोचर कर रहे हैं। इस गोचर के दौरान आपका स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। अगर आपका स्वास्थ्य काफी समय से खराब है तो आपको इस गोचर में राहत मिलनेवाली है। भाग्य का साथ कदम-कदम पर मिलेगा। नौकरी तथा व्यापार में अच्छा धनलाभ होगा, काम का विस्तार होगा। धन का निवेश करने के लिए भी यह गोचर अच्छा है। आप अपना व्यापार विदेश में कर रहे हैं तो उसमें भी आपको अच्छा धनलाभ होगा। पारिवारिक सुख अच्छा बना रहेगा।
				  																	
									  
	 
	उपाय : पीपल के पेड़ को जल दें, पीपल के पेड़ को हाथ ना लगाएं।
	
	मीन: देवताओं के गुरु आपकी राशि से दशम भाव में गोचर कर रहे है। इस गोचर के दौरान आप कामकाज के सिलसिले में घर से कही दूर जा सकते है। यह गोचर स्वास्थ्य के लिए बहुत उत्तम नहीं है। स्वास्थ्य खराबी हो सकती है। अस्पताल के चक्कर काटने पड़ सकते है। अगर किसी को पैसा उधार देना है तो आप पहले से ही सतर्क रहे अन्यथा आपको बाद में पछताना पड़ सकता है। आप इस गोचर के दौरान अपने मित्रों तथा रिश्तेदारों के साथ अच्छा समय व्यतीत करेंगे।
				  																	
									  
	 
	उपाय: गुरु के बीज मंत्र का जाप करे- ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।