* हनुमान जयंती पर करें राशि अनुसार आराधना
'कौन सो संकट मोर गरीब को,
जो तुमसे नहीं जाट है टारो।
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु जो कछु संकट,
होय हमारो।।'
महावीर हनुमान महाकाल शिव के 11वें रुद्रावतार हैं जिनकी विधिवत उपासना करने से सभी बाधाओं का नाश होता है। ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए हनुमान जयंती के दिन हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। हनुमानजी के पाठ से भूत बाधा, प्रेत बाधा, ऊपरी बाधा का निवारण होता है। सर्व कष्टों अर्थात नौकरी, व्यापार में बाधा एवं रोगों का निवारण भी हनुमानजी के पाठ से हो जाता है।
ऐसा कोई भी कार्य नहीं है, जो हनुमानजी अपने भक्तों के लिए न कर सकें। बस आवश्यकता है सच्चे मन से उन्हें याद करने की।
हनुमानजी के कुछ विशिष्ट मंत्र हैं जिनका जप यदि आप हनुमान जयंती के दिन अपनी राशि अनुसार करें तो सभी कामनाओं की पूर्ति संभव है।
जानिए 12 राशियों के मंत्र
मेष : 'ॐ सर्वदुखहराय नम:।'
वृषभ : 'ॐ कपिसेनानायक नम:।'
मिथुन : 'ॐ मनोजवाय नम:।'
कर्क : 'ॐ लक्ष्मणप्राणदात्रे नम:।'
सिंह : 'ॐ परशौर्य विनाशन नम:।'
कन्या : 'ॐ पंचवक्त्र नम:।'
तुला : 'ॐ सर्वग्रह विनाशिने नमः।'
वृश्चिक : 'ॐ सर्वबन्धविमोक्त्रे नम:।'
धनु : 'ॐ चिरंजीविते नम:।'
मकर : 'ॐ सुरार्चिते नम:।'
कुंभ : 'ॐ वज्रकाय नम:।'
मीन : 'ॐ कामरूपिणे नम:।'