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Last Updated : शुक्रवार, 2 जून 2023 (10:52 IST)

शुक्रवार को महालक्ष्मी को कैसे करें प्रसन्न, अच्छी रहेगी सेहत, खूब आएगा धन

शुक्रवार को महालक्ष्मी को कैसे करें प्रसन्न, अच्छी रहेगी सेहत, खूब आएगा धन - Astrology Remedies for Friday
Shukrawar ke upay: शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी, संतोषी माता और मां काली का दिन रहता है। यदि आप आर्थिक तंगी से मुक्ति होना चाहते हैं तो इस दिन महालक्ष्मी की पूजा करना चाहिए। महालक्ष्मी की पूजा कर उन्हें प्रसन्न करने से कर्ज से मुक्ति भी मिलती है और धन की आवक भी बढ़ती है। इसी के साथ ही सेहत में भी सुधार होता है। आओ जानते हैं कि कैसे करें महालक्ष्मी को प्रसन्न।
 
शुक्रवार के उपाय | Shukrawar ke upay:-
  • इस दिन पिशाची या निशाचरों के कर्म से दूर रहें।
  • पत्नी से किसी भी प्रकार का विवाद ना करें और इस दिन उसे खुश रखें।
  • शुक्रवार को खट्टा खाने से जहां सेहत को नुकसान होता है वहीं माना जाता है कि आकस्मिक घटना-दुर्घटना हो सकती है।
  • इस दिन साफ सफाई और शरीरिक शुद्धि का ध्‍यान रखने से ओज, तेजस्विता, शौर्य, सौन्दर्यवर्धक और शुक्रवर्धक होता है।
  • इस दिन आप पानी में उचित मात्रा में दही और फिटकरी मिलाकर स्नान करें और शरीर पर सुगंधित इत्र लगाएंगे तो शुक्र बलवान होगा और ऐश्‍वर्य की प्राप्ति होगी।
  • रोज रात को सोते समय अपने दांत फिटकरी से साफ करेंगे तो लाभ होगा। इसके अलावा आप कभी कभार फिटकरी के पानी से स्नान भी करें। इससे शुक्र के दोष दूर होकर धनलाभ होता है।
Mahalaxmi diwali
शुक्रवार को करें माता लक्ष्मी को प्रसन्न:-
  1. इस दिन विधिवत रूप से श्रीहरि विष्णु प्रिया माता लक्ष्मी की पूजा करें।
  2. मां लक्ष्मी की पूजा और आरती के बाद खीर पीएं और 5 कन्याओं को पिलाएं। 
  3. महालक्ष्मी मंदिर में जाकर माता को कमल का फूल और मीठा नैवेद्य अर्पित करें।
  4. महालक्ष्मी मंदिर जाकर आप चाहें तो माता की विधिवत पूजा करवा सकते हैं।
  5. इस दिन सभी को मीठा बांटें और गरीबों को भोजन कराएं।
  6. माता को पीला फूल चढ़ाकर भी प्रसन्न किया जा सकता है। इन्हें लाल गुलाब का फूल भी काफी प्रिय है।
  7. पीले रंग के केसर भात भी माता को अर्पित करके उन्हें प्रसन्न किया जाता है। 
  8. नारियल को श्रीफल भी कहते हैं। इसमें सबसे शुद्ध जल भरा रहता है। श्रीफल होने के कारण माता यह बहुत पसंद है।
  9. इसके अलावा आप चाहे तो माता को खीर, हलुआ, ईख (गन्ना), सिघाड़ा, मखाना, बताशे, अनार, पान और आम्रबेल का भोग भी अर्पित कर सकते हैं।
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