शनिवार, 14 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. »
  3. ज्योतिष
  4. »
  5. आलेख
Written By ND

एकादशी पर शुभ लग्नों का टोटा

एकादशी पर शुभ लग्नों का टोटा -
ND
देवउठनी ग्यारस (देव प्रबोधिनी एकादशी) के बाद शुरू होने वाले मांगलिक कार्यों के लिए इस बार लोगों को लगभग एक पखवाड़े तक इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि इस बार शुभ मुहूर्तों का टोटा रहेगा। इस पूरे सीजन में वैवाहिक कार्यों के लिए 44 शुभ मुहूर्त ही निकल रहे हैं। देवउठनी ग्यारस के बाद शादी का पहला मुहूर्त 17 नवम्बर का है।

विवाह के लिए शुभ लग्न - नवंबर 09 - 17 (मतांतर से 18,19,21,27)
- दिसम्बर - 1,2,3,7,8,9,10,12 व 13
- फरवरी 2010 - 7 (मतांतर से)
- मई -28 से 29,30,31
- जून -1,5 से 8,13,16 से 28 तक
- जुलाई -3,4,5,8,9,14 व 16
- 16 जुलाई 2010 को अंतिम लग्न तिथि होगी।

इस दौरान नहीं होंगे विवाह - 16 दिसंबर 09 से 14 जनवरी 2010 तक मलमास (धनु राशि पर सूर्य)
- 18 फरवरी से 16 मार्च-गुरू अस्त
- 14 मार्च से 14 अप्रैल-मलमास(मीन राशि पर सूर्य)
- 15 अप्रैल से 14 मई- वैशाख अधिक मास
- 15 से 27 मई तक द्वितीय वैशाख शुक्ल अपूर्ण पक्ष।

ND
ज्योतिषाचार्य पं.प्रहलाद कुमार पण्ड्या के अनुसार इस बार मांगलिक कार्यों के लिए शुभ लग्नों व मुहूर्तों की कमी रहेगी। उज्जैन पंचांग के अनुसार 17 नवंबर से शुरू होने वाले वैवाहिक कार्यक्रमों के लिए इस माह में केवल एक ही शुभ लग्न है,जबकि जबलपुर पंचांग के अनुसार 18,19, 21 और 27 नवंबर को भी विवाह मुहूर्त हैं। इसके बाद 1 से 3 तथा 7 से 10 दिसम्बर तक लग्न का शुभ मुहूर्त है। 12 और 13 दिसम्बर को भी वैवाहिक कार्य संपन्न हो सकेंगे। मतांतर से 7 फरवरी को भी विवाह लग्न होना बताया गया है। अबूझ मुहूर्त माने जाने वाली तिथि अक्षय तृतीया पर 16 मई को भी पंचांगगत मुहूर्त नहीं है।

पं.पण्ड्या के अनुसार वैशाख शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली अक्षय तृतीया इस बार पूरी तरह दोषमुक्त नहीं है। अप्रैल-मई में पड़ रहे अधिक मास के बाद अक्षय तृतीया की तिथि भी विवाह के लिए दोषमुक्त नहीं मानी जा सकती है। इसी तरह 16 दिसम्बर से 14 जनवरी तक मलमास होने के साथ ही धनु राशि पर सूर्य रहने के कारण वैवाहिक कार्य नहीं हो सकेंगे।

इसी तरह 18 फरवरी से 16 मार्च तक गुरू अस्त होने और 14 मार्च से 14 अप्रैल तक मलमास में मीन संक्रांति के कारण मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे। 15 अप्रैल से 14 मई तक वैशाख अधिकमास होने के कारण भी विवाह के लिए शुभ लग्न नहीं है। 15 से 27 मई तक द्वितीय वैशाख शुक्ल पक्ष अपूर्ण होने से इसमें भी मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे। 28मई से वैवाहिक कार्य प्रारंभ होंगे जो 16 जुलाई तक संपन्न होंगे।