कुछ राशियों पर भगवान शनिदेव की साढ़ेसाती और ढैया चल रहा है। आइए जानते हैं जरूरी बातें
1.2022 के अप्रैल में शनि राशि बदल रहा है।
2. शनिदेव करीब ढाई साल एक राशि में रहते हैं।
3.वक्री और मार्गी होने की वजह से इस समय में परिवर्तन में हो सकता है।
4. 29 अप्रैल 2022 को शनि मकर से कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इस कारण शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या की स्थिति बदलेगी।
5.29 अप्रैल को शनि के कुंभ राशि में आने से मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी और धनु राशि से साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी।
6. मीन राशि के लोगों के लिए समस्याएं बढ़ सकती हैं और धनु राशि के लोगों को लाभ मिलने के योग बनेंगे।
7. 29 अप्रैल से पहले तक शनि मकर राशि में रहेगा। तब तक मिथुन और तुला राशि पर शनि का ढैय्या रहेगा। 29 अप्रैल को शनि कुंभ राशि में आएगा। इस वजह से कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि का ढैय्या शुरू होगा। शनि के ढैय्या की वजह से इन राशियों को कड़ी मेहनत करनी होगी, तभी सफलता मिल पाएगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। गलत कामों से बचें।
8. 29 अप्रैल तक धनु राशि पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण रहेगा। शनि के कुंभ में आते ही धनु राशि से साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी। 29 अप्रैल से कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू होगा। मकर राशि पर अंतिम चरण रहेगा और मीन राशि पर साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू होगा।
9. शनि के अशुभ असर को कम करने के लिए हर शनिवार शनिदेव को तेल चढ़ाने की परंपरा है। हनुमान जी की पूजा से भी शनि के दोष कम होते हैं। शनि के मंत्र ॐ शं शनैश्चराय नम: का जाप हर शनिवार को करें। मंत्र जाप कम से कम 108 बार जरूर करें।
10. हर शनिवार तेल का दान करें। इसके लिए एक कटोरी में तेल लें और उसमें अपना चेहरा देखकर तेल का दान करें। शनिवार को काले तिल, कंबल, काली उड़द, लोहे के बर्तनों का और जूते-चप्पलों का दान भी किया जा सकता है।
विशेष : नवग्रहों में शनि को न्यायाधीश माना गया है। ये ग्रह हमें हमारे कर्मों का फल प्रदान करता है। इसलिए ऐसे कामों से बचना चाहिए, जो गलत हैं। बुरे कर्मों से और बुरी संगत से दूर रहें। किसी का अनादर न करें। माता-पिता की आज्ञा का पालन करें और मेहनत से बचने की कोशिश न करें।
धनु : शनि ग्रह अगले वर्ष 29 अप्रैल 2022 को मकर राशि को छोड़कर कुंभ राशि में आ जाएंगे, तब धनु राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से राहत मिलेगी, परंतु 12 जुलाई 2022 को शनि वक्री होकर फिर से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इसके बाद तब 17 जनवरी 2023 को धनु राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से पूरी तरह मुक्ति मिल जाएगी और मिथुन राशि वालों को ढैया से मुक्ति मिलेगी। आपके लिए शनि का मिलाजुला असर रहेगा।
मकर : मकर राशि वालों पर शनि की साढ़े साती 26 जनवरी 2017 से शुरू हुई थी। यह 29 मार्च 2025 को समाप्त होगी। शनि पिछले वर्ष से ही मकर राशि ( Capricorn ) में गोचर कर रहे हैं। इस राशि के जातकों पर शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण चल रहा है। ऐसे में इस राशि के जातकों को बहुत ही सावधानी और सतर्कता से रहना होगा। क्योंकि शनि के प्रकोप के कारण धन-संपत्ति, परिवार से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती है। किसी के द्वारा धोखा मिल सकता है या आपके सारे कार्य असफल हो सकते हैं। मतलब किये कराए पर पानी फिर सकता है।
कुंभ : कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती 24 जनवरी 2020 से शुरू हुई थी। इससे मुक्ति 3 जून 2027 को मिलेगी, परंतु शनि की महादशा से कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि के मार्गी होने पर छुटकारा मिलेगा, यानि कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि की साढ़ेसाती से निजात मिलेगी। हालांकि वर्तमान में आप पर गुरु की कृपा होने के कारण आपके लिए शनि देव का उतना असर नहीं होगा जितना की अन्य राशियों पर माना जा रहा है। आपके कर्म अच्छे हैं तो शनि आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
1. धनु- अंतिम चरण (सामान्यत: शुभ)
2. मकर- मध्यम चरण (सामान्यत: मध्यम)
3. कुंभ- प्रथम चरण (सामान्यत: अशुभ)