13 साल के मेडल का इंतजार खत्म करने के लिए इस तीरंदाज पर रहेगा दारोमदार
अनुभवी अतनु दास अब भारत के शीर्ष तीरंदाज नहीं है लेकिन वह पिछले कुछ समय से खराब दौर से गुजर रही भारतीय रिकर्व तीरंदाजी टीम से आगामी एशियाई खेलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कराने की जिम्मेदारी से पूरी तरह वाकिफ हैं।
रिकर्व तीरंदाजी ओलंपिक खेलों का हिस्सा है। पिछले कुछ समय से जहां रिकर्व तीरंदाजी में गिरावट आ रही है वहीं गैर ओलंपिक कंपाउंड तीरंदाजी में भारतीय खिलाड़ी लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इस वर्ग में अब भारत के पास ओजस देवताले और अदिति स्वामी के रूप में दो विश्व चैंपियन है।पेरिस ओलंपिक से लगभग एक साल पहले आयोजित हो रहे एशियाई खेलों में रिकर्व तीरंदाजों पर अधिक दबाव है जिसमें कोई भी भारतीय विश्व रैंकिंग में शीर्ष -10 में नहीं है।
भारत ने 2010 के ग्वांगझू एशियाई खेलों के बाद से रिकर्व तीरंदाजी में कोई व्यक्तिगत या टीम पदक नहीं जीता है।अपने तीसरे एशियाई खेलों में भाग लेने के लिए तैयार दास रिकर्व टीम के सबसे अनुभवी तीरंदाज है। भारतीय पुरुष रिकर्व टीम में सेना के होनहार तीरंदाज धीरज बोम्मदेवरा के साथ मृणाल चौहान और तुषार शेल्के की नये खिलाड़ियों की जोड़ी है।महिला वर्ग में दो बार की एशियाई खेलों की प्रतिभागी अंकिता भकत को सिमरनजीत कौर, भजन कौर और प्राची सिंह का साथ मिलेगा।
दास ने सोनीपत से
PTI-भाषा से कहा, मैं टीम में अपनी जिम्मेदारी को लेकर वाकिफ हूं और हर कोई मुझ से मार्गदर्शन ले रहा है। सीनियर खिलाड़ी के तौर पर मैं टीम में अपने काम पर ध्यान केंद्रित रखने और एक टीम के रूप में कड़ी मेहनत करने और जीतने के लिए मार्गदर्शन करता हूं।
उन्होंने कहा, जाने-अनजाने में टीम के ज्यादातर खिलाड़ी मेरी तकनीकी, मानसिक और शारीरिक निर्देशों का पालन करते हैं। हम एक टीम के रूप में अच्छी स्थिति में हैं।
विश्व रैंकिंग में पूर्व में छठे स्थान पर रहे इस खिलाड़ी ने कहा, मेरी तैयारी अब तक बहुत अच्छी चल रही है। इस एशियाई खेलों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर काम कर रहा हूं।
जकार्ता में पिछले एशियाई खेलों में दास क्वार्टर फाइनल में बाहर हो गए थे। भारतीय पुरुष रिकर्व टीम भी अंतिम-आठ चरण से आगे नहीं बढ़ सकी थी।
दास ने कहा, हां, बेशक, नतीजों को लेकर बहुत कम उम्मीदें हैं, लेकिन मैं नतीजों की बजाय अपने प्रदर्शन पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा हूं, क्योंकि खेल में कुछ भी संभव है।भारतीय तीरंदाज अभी भारतीय खेल प्राधिकरण के सोनीपत केंद्र में राष्ट्रीय शिविर में है। टीम 28 सितंबर को हांगझोउ के लिए रवाना होगी। एशियाई खेलों में तीरंदाजी स्पर्धा का आगाज एक अक्टूबर से होगा।
(भाषा)