अक्षय तृतीया इस बार 26 अप्रैल 2020 को है लेकिन इस दौरान भारत में लॉकडाउन रहेगा।
हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का दिन बेहद ही शुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन बड़ी संख्या में विवाह किये जाते हैं। जिन मांगलिक कार्यों को करने के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं मिल रहा हो उन कार्यों को भी इस दिन किया जा सकता है।
अक्षय तृतीया इस बार 26 अप्रैल को है लेकिन इस दौरान भारत में लॉकडाउन रहेगा। जिस वजह से अकेले दिल्ली में ही लगभग 30 से 40 हजार शादियां टल गई हैं। इसी दिन परशुराम जयंती भी मनाई जाती है।
शुभ है वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि: इस तिथि को सूर्य और बुध का मेल होता है। कहा जाता है कि इस दिन सभी ग्रह उत्तम स्थिति में रहते हैं। जिन जातकों की कुंडली में पितृ दोष की स्थिति बनी हुई है उनके लिए इस दिन पिन्डदान करना फलदायी माना गया है। इस दिन पूजा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। इस दिन सोने की खरीदारी करना भी काफी शुभ माना गया है।
इस समय पूरे देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लॉकडाउन घोषित किया है।ऐसे में इस पर्व पर उस तरह से खरीदारी तो संभव नहीं होगी।ऐसी स्थिति में घर पर ही विधि पूर्वक इस पर्व को मनाएं।
हालांकि इस पर्व पर विवाह, गृह-प्रवेश, वस्त्र-आभूषणों की खरीदारी, घर, भूखंड, वाहन की खरीददारी करना बहुत ही शुभ माना जाता है।ध्यान रहे लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ही इस पर्व को मनाएं।
इंदौर शहर में अप्रैल-मई के 14 मुहूर्त में होने वाली करीब 12 हजार शादियों पर कोरोना संकट खड़ा हो गया है। अबूझ मुहूर्त में से एक अक्षय तृतीया पर ही तीन हजार शादियों का अनुमान था, लेकिन लॉकडाउन और इसके बढ़ने की संभावना के चलते विभिन्न समाजों के सामूहिक आयोजन के साथ ही लोगों ने निजी आयोजन भी रद कर दिए हैं।
लोगों ने टेंट, गार्डन, हलवाई आदि की बुकिंग भी रद्द कर दी है। जून में विवाह के मुहूर्त अंतिम सप्ताह में हैं। इसका चयन बारिश की आशंका के चलते नहीं किया गया है।
14 मार्च को खरमास लगने के चलते एक माह के लिए वैवाहिक आयोजन पर रोक लगी थी, जिसका समापन 13 अप्रैल को हुआ, लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण में हॉट स्पॉट बने इंदौर में लॉकडाउन के बढ़ने की संभावना प्रबल हो गई है।
कई लोगों का मानना है कि शादी-विवाह जैसे आयोजन, जिसमें लोगों का बड़ा समूह एकत्रित होता है, उस पर लॉकडाउन खुलने के बाद भी रोक बरकरार रहेगी।
कोरोना के चलते विवाह के लिए अब युवक-युवतियों को आठ माह का इंतजार करना पड़ सकता है।