• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. आदित्य-L1 मिशन
  4. Who is the project director of Aditya L-1 mission Nigar Shaji
Written By
Last Updated : शनिवार, 2 सितम्बर 2023 (17:03 IST)

कौन हैं Aditya L-1 मिशन की प्रोजेक्‍ट डायरेक्‍टर Nigar Shaji, देशभर में हो रही जिनकी चर्चा?

Nigar Shaji
Aditya L-1 Launch: सूर्य पर भेजे गए अपने मिशन के लिए इसरो की पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। इसके साथ ही एक और नाम की जमकर चर्चा हो रही है वो नाम है निगार शाजी। जी, हां। निगार शाजी भारत के सूर्य मिशन आदित्य-एल1 की परियोजना निदेशक हैं। इस पूरे मिशन में उनकी बेहद अहम भूमिका रही है। जानते हैं कौन हैं इसरो में अपनी सेवाएं दे रहीं निगार शाजी।

तमिलनाडु के शेंगोट्टई की मूल निवासी 59 वर्षीय निगार शाजी ने अपनी स्कूली शिक्षा वहीं के सरकारी स्कूल से पूरी की। तिरुनेलवेली के एक कॉलेज से अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद निगार शाजी ने बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (रांची) से एमटेक. पूरा किया। उन्होंने मदुरै कामराज विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। इसके बाद वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में शामिल हो गईं। उन्होंने आज आदित्य एल-1 मिशन के सफल प्रक्षेपण के बाद इतिहास रच दिया।
वह सूर्य का अध्ययन करने के उद्देश्य से भारत की पहली अंतरिक्ष-आधारित पहल की परियोजना निदेशक हैं। निगार शाजी की जड़ें तमिलनाडु के सेनगोट्टई शहर से जुड़ी हैं, जहां उनका जन्म एक किसान शेख मीरान और सैतून बीवी के घर हुआ था।
Nigar Shaji
1987 में शुरू स्‍पेस की दुनिया की यात्रा : अंतरिक्ष अन्वेषण की दुनिया में निगार की यात्रा 1987 में शुरू हुई जब वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की एक प्रमुख शाखा, सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SHAAR) में शामिल हुईं। उनके समर्पण और विशेषज्ञता ने उन्हें बेंगलुरु के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर तक पहुंचाया, जहां उन्होंने आदित्य-एल1 परियोजना निदेशक का महत्वपूर्ण पद संभालने से पहले विभिन्न भूमिकाएं निभाईं।

उपग्रह डिजाइन में भूमिका : आदित्य-एल1 मिशन में शामिल होने से पहले निगार शाजी ने भारतीय रिमोट सेंसिंग, संचार और अंतरग्रहीय उपग्रहों के डिजाइन और विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। विशेष रूप से उन्होंने भारतीय रिमोट सेंसिंग उपग्रह रिसोर्ससैट-2ए के लिए एसोसिएट प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में कार्य किया, जो राष्ट्रीय संसाधन निगरानी और प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है। इस क्षेत्र में उनके काम में छवि संपीड़न, सिस्टम इंजीनियरिंग और अंतरिक्ष इंटरनेट प्रौद्योगिकियों पर शोध शामिल था। बता दें कि 2 सितंबर को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आदित्य-एल1 सौर मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है।
Edited By navin rangiyal
ये भी पढ़ें
घरों को लूटती है राजस्थान की गहलोत सरकार : जेपी नड्‍डा