डॉ. सुश्री शरद सिंह
अक्सर यही होता है कि जब आप बाजार जाती हैं तो आप चार दुकानों में जांच-पड़ताल करके सामान खरीदने की कोशिश करती हैं। अब चारों दुकानों में सामान एक जैसा तो रहता नहीं है, अतः कई बार आप उलझन में पड़ जाती हैं कि कौन-सा अच्छा है?
कौन-सा बुरा? ये वाला लूं? या वो वाला? तय करना कठिन हो जाता है। फिर कई बार एक ही दुकानदार आपके द्वारा माँगी गई वस्तु की इतनी सारी वैरायटी दिखा देता है कि आप चकरा जाती हैं कि इनमें से कौन-सा चुना जाए?
इस समस्या से बचने के लिए कई लोग एक ही दुकान से सामान खरीद लेते हैं फिर चाहे वह सामान अपेक्षाकृत सामान्य कोटि का अथवा महंगा ही क्यों न हो। लेकिन नहीं, यह तरीका सही नहीं है। बाजार से अपनी आवश्यकता की सही वस्तु खरीदना आपका अधिकार है और इस अधिकार का सदुपयोग करने के लिए आपको करना सिर्फ इतना है कि आप जान लें कि क्या चाहती हैं आप?
इसके लिए बाजार जाने से पहले अपने मन में ये तीन बातें तय कर लें
* आप कौन-सी वस्तु खरीदने जा रही हैं?
* आप किस उत्तमता (क्वॉलिटी) की वस्तु खरीदना चाहेंगी?
* आप वस्तु की उत्तमता और अपनी आवश्यकता के अनुरूप कितना पैसा खर्च कर सकेंगी?
अब बाजार पहुंचने के बाद तीन बातें मन में तय करें
* आप कम से कम दो-तीन दुकानों में उस वस्तु की उत्तमता और मूल्य पता करेंगी, उसके बाद ही खरीदेंगी।
* यदि वस्तु की कई वैरायटी देखने को मिलती हैं तो आप उससे भ्रमित हुए बिना अपने निर्धारित बजट के आधार पर ही वह वस्तु खरीदेंगी।
* वस्तु की उत्तमता चाहे कितनी भी अच्छी क्यों न हो, यदि वह आपके निर्धारित बजट से बहुत अधिक की है तो आप उसे खरीदने का इरादा बिना झिझक छोड़ देंगी।
अब बाजार से लौटने के बाद की तीन बातें पहले से ही अपने मन में तय कर लीजिए
* आप जो खरीदकर लाएंगी, उसके प्रति संतुष्ट रहेंगी।
* आप अधिक मूल्य के कारण जो सामान नहीं खरीद सकीं, उसे याद करके अपना मन नहीं दुखाएंगी।
* आप अपनी खरीदी हुई वस्तु को अधिक से अधिक उपयोग में लाकर उसकी सार्थकता सिद्ध कर देंगी।