बंगाल चुनाव, तो क्या यह वजह रही कूचबिहार में हिंसा की..?
नई दिल्ली। सुरक्षा गश्त के दौरान सीआईएसएफ (CISF) के दस्ते पर कथित हमला और उस दौरान एक बच्चे का घायल होना पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले के मतदान केन्द्र पर हिंसा की शुरुआत का कारण बना। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इसकी शुरुआत सुबह करीब साढ़े नौ बजे हुई, जब एक इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में सीआईएसएफ की टीम स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर सीतलकूची विधानसभा क्षेत्र के जोर पातकी इलाके की निगरानी कर रही थी। उन्होंने बताया कि बल अमताली माध्यमिक शिक्षा केन्द्र में बने मतदान केन्द्र संख्या 126 और आसपास के क्षेत्रों में मतदाताओं को पहुंचने से रोकने का प्रयास करने वाले तत्वों को हटा रही थी।
सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने करीब 50-60 लोगों की भीड़ को हटाने का प्रयास किया और इसी क्रम में एक बच्चा गिर गया और घायल हो गया। इसके बाद कुछ बदमाशों ने केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) को लेकर जा रहे चार पहिया वाहन और उसमें सवार कर्मियों पर हमला कर दिया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि क्यूआरटी ने आत्मरक्षा में कार्रवाई करते हुए भीड़ को हटाने के लिए हवा में 6 गोलियां चलाईं। बाद में डिप्टी कमांडर रैंक का अधिकारी और सीआईएसएफ यूनिट (567/चार्ली कंपनी) के प्रभारी मौके पर पहुंचे और भीड़ को शांत कराया। फिर अधिकारी वहां से चले गए।
अधिकारी ने बताया कि करीब एक घंटे बाद करीब 150 लोगों की भीड़ परिसर में बूथ संख्या 186 पर पहुंची और मतदानकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया।
उन्होंने बताया कि भीड़ ने होम गार्ड के एक जवान और एक आशा कार्यकर्ता की कथित रूप से पिटाई कर दी और इसमें हस्तक्षेप करने पर ड्यूटी पर तैनात सीआईएसएफ कर्मी का हथियार छीनने का प्रयास किया।
अधिकारियों ने बताया कि भीड़ के उग्र होने पर हवा में दो गोलियां चलायीं गईं, लेकिन जान पर खतरा बनने को भांपते हुए सुरक्षा बलों ने भीड़ पर 7 गोलियां चलाईं। पुलिस ने बताया कि केन्द्रीय बलों की गोलीबारी में 4 लोग मारे गए हैं।
उन्होंने बताया कि इस बीच सीआईएसएफ क्यूआरटी और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। उन्होंने कहा कि मतदान रुकने के बाद भीड़ वहां से छंटने लगी। घटना को लेकर दिल्ली में निर्वाचन आयोग ने सीतलकूची विधानसभा क्षेत्र के मतदान केन्द्र संख्या 126 पर मतदान स्थगित करने का आदेश जारी किया।