कड़ी सुरक्षा के बीच गैंगस्टर संजीव जीवा का अंतिम संस्कार, सास बोली- हर व्यक्ति को कर्मों की सजा भुगतनी पड़ती है
शामली। उत्तर प्रदेश के शामली जिले के आदमपुर गांव में कड़ी सुरक्षा के संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा का अंतिम संस्कार कर दिया गया। जीवा के पैतृक गांव आदमपुर में उसके बेटे तुषार ने मुखाग्नि दी। आज सुबह से ही जीवा के निकटम संबंधी गांव में पहुंचना शुरू हो गए थे। पुलिस ने भी उसके घर के लिए आसपास अपना डेरा जमा लिया। गैंगस्टर संजीव की बीते कल लखनऊ में कोर्ट रूम के अंदर 6 गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। पोस्टमार्टम के बाद उसका शव अंतिम संस्कार के लिए गांव में घर पहुंचा तो चीख-पुकार मच गई।
अंतिम संस्कार में कड़ी सुरक्षा के चलते कुछ चुनिंदा लोग को ही शामिल किया गया। शामली में जीवा की सास राज शर्मा का कहना है कि जो हुआ गलत हुआ। पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में इस तरह से हत्या गलत है। अगर सरेआम मौत देकर फैसला सुनाया जाना है तो जज की क्या जरूरत है।
संजीव की सास ने कहा कि हर व्यक्ति को अपने कर्मों की सजा भुगतनी पड़ती है। जीवा ने जैसे कर्म किए उसकी सजा उसको मिल गई है। इस दौरान उन्होंने जीवा की पत्नी और अपनी बेटी को निर्दोष बताते हुए सरकार से गुहार लगाई है कि उसको बख्श दिया जायें।
जीवा की करनी का फल उसकी बेटी पायल को न मिलें, पायल के छोटे-छोटे बच्चे हैं, जिनको उसे पालना है। हालांकि राज शर्मा ने कोर्ट में हुई इस हत्या को साजिश बताया है। उनका कहना है कि पुलिस-प्रशासन की चूक का परिणाम है जीवा की हत्या। पुलिस-प्रशासन के लोग उसको अपनी कस्टडी में लेकर कोर्ट गए थे, ऐसे में किसी का हत्या कर देना हिम्मत की बात है।
जीवा की सौतेली बहन निशा का कहना है कि लगभग दो दशक से उनका जीवा से कोई सम्पर्क नहीं था, उसकी गतिविधियों की जानकारी भी नहीं थी। अगर वह अपराधी है तो उसको सजा कोर्ट देता, चाहे उसे उम्र कैद मिलती या फांसी। लेकिन कोर्ट में जो हुआ वह गलत है। जीवा पेशी पर जब आता था तो बुलेट प्रूफ जैकेट पहनता था, लेकिन वारदात वाले दिन जैकेट न पहना भी सवालिया निशान खड़े कर रहा है।