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Written By हिमा अग्रवाल
Last Modified: शुक्रवार, 16 अक्टूबर 2020 (15:55 IST)

बलिया कांड की Ground Report: यूपी में खत्म होता खाकी का खौफ, सरकार के लिए चुनौती बने अपराधी

बलिया कांड की Ground Report: यूपी में खत्म होता खाकी का खौफ, सरकार के लिए चुनौती बने अपराधी - Balia case Ground report
उत्तर प्रदेश में अपराधियों के दिल से खाकी का खौफ खत्म हो गया है, क्योंकि वह खुले आम सरकारी अमले के सामने हत्या जैसे जघन्य अपराध करके उन्हें चुनौती दे रहे हैं। वहीं, इन लोगों के सामने पुलिस भी बौनी साबित हो रही है।
 
पुलिस-प्रशासन की नाकामी के चलते हाथरस कांड की आग अभी शांत नही हो पाई थी़, वहीं बलिया में सरकारी मशीनरी की आंखों के सामने 46 वर्षीय जयप्रकाश को चार गोलियां मारकर मौत के घाट उतार दिया गया। आरोपी कोई नामचीन अपराधी नहीं बल्कि भाजपा नेता धीरेन्द्र प्रताप सिंह डबलू है और बैरिया के विधायक का करीबी है।
 
इस हत्याकांड के बाद सरकार की किरकिरी हो रही है। विपक्ष ने सत्तारूढ़ पार्टी को घेरना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी की नाराजगी के बाद आनन-फानन में बलिया SDM और CO समेत 8 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया और पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर कैंप कर रहे हैं।
 
पुलिस ने मुख्य आरोपी भाजपा नेता धीरेंद्र प्रताप सहित 8 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की है। जिसमें से एक नामजद आरोपी देवेन्द्र को गिरफ्तार कर लिया है। बलिया डीएम हरि प्रताप ने बताया है कि पकड़ा गया आरोपी घटना में शामिल था और गोली चलाने वाले डबलू का चचेरा भाई है। मुख्य आरोपी को पकड़ने के लिए 12 टीमें लगी हुई है, जल्दी ही धीरेंद्र पुलिस गिरफ्त में होगा।
 
घटना क्यों हुई : बीते कल यानी गुरुवार ग्राम सभा दुर्जनपुर व हनुमानगंज की कोटे की दो दुकानों के आवंटन के लिए दोपहर एक बजे पंचायत भवन पर खुली बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक में लगभग 500 ग्रामीणों के साथ एसडीएम बैरिया सुरेश पाल, सीओ  चंद्रकेशसिंह, बीडीओ बैरिया गजेन्द्र प्रताप सिंह के साथ ही रेवती थाने की पुलिस फोर्स मौजूद थी।
 
सस्ते गल्ले की दुकान आवंटन के लिए 4 स्वयं सहायता समूहों ने आवेदन किया था, जिसमें से दो समूहों 'मां सायर जगदंबा' और 'शिवशक्ति' स्वयं सहायता समूह के बीच मतदान कराने का निर्णय लिया गया। अधिकारियों ने कहा कि वोटिंग का अधिकार उसी शख्स को होगा, जिसके पास आधार कार्ड या कोई मान्य पहचान पत्र होगा।
 
मतदान के लिए स्वयं सहायता समूह का एक पक्ष तैयार था, दूसरा पक्ष तैयार नहीं। उसने आईडी प्रूफ न होने की बात कहकर मतदान से इंकार कर दिया। इस बात को लेकर दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। मामला बिगड़ता देख बैठक की कार्रवाई को स्थगित कर दी गई।
 
पुलिस दोनों पक्षों को समझाने और विवाद शांत करने में जुट गई। एक पक्ष ने सक्षम अधिकारियों पर पक्षपात का आरोप लगाया तो दूसरे पक्ष ने आक्रोशित होते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। बस फिर क्या था नजारा खूनी संघर्ष में बदल गया। लाठी-डंडे, पथराव और गोलीबारी हुई, जिसमें दुर्जनपुर के जयप्रकाश उर्फ गामा पाल को ताबड़तोड़ चार गोलियां मार दी गईं।
 
पुलिस की आंखों के सामने ये खूनी मंजर घटित होता है। खाकी घटना को अंजाम देने वाले धीरेंद्र और उसके साथियों को पकड़ नही पाती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस ने फायरिंग करते हुए धीरेंद्र को पकड़ा भी और फिर वहां से फरार कर दिया। पुलिस पर उठे इस सवाल का जबाव देना अधिकारियों को भी भारी पड़ रहा है। अधिकारी आक्रोश का सामना कर रहे हैं।
 
मृतक जयप्रकाश की पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। जयप्रकाश के 6 बेटे-बेटी हैं। शुक्रवार सुबह ग्रामीणों का जमावड़ा जयप्रकाश के घर लग गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि मृतक अपने हित की लड़ाई नही लड़ रहा था, बल्कि वह पूरे गांव की लड़ाई लड़ रहा था। क्योंकि बाहुबली और सत्ता के नशे में चूर लोग सस्ते गल्ले का आवंटन अपने नाम पर करवाना चाहते थे। जिन लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है, वह गरीबों के अनाज पर डाका डालने की मंशा रखते है। जय प्रकाश ने विरोध किया तो उसकी जान ले ली गई।
 
ग्रामीणों और मृतक परिवार की मांग है कि सरकार मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपए का मुआवजा और एक व्यक्ति को सरकार नौकरी दे। मृतक अपने घर में इकलौता कमाने वाला था, अब उसके परिवार को कौन संभालेगा। इसलिए सरकार उसकी मदद करे। वहीं, पीड़ित परिवार आरोपियों को फांसी की सजा दिलाना चाहता है, ताकि आगे कोई इस तरह की वारदात करने से पहले सौ बार सोचे।
 
कानून व्यवस्था पर सवाल : वारदात के बाद यूपी की कानून व्यवस्था पर अंगुलियां उठने लगीं तो उच्चाधिकारी खुद घटनास्थल पर पहुंच गए। कमिश्नर, डीजीपी ब्रजभूषण, डीआईजी और एसपी समेत सभी अधिकारी परिवार और ग्रामीणों से लगातार बातें कर रहे हैं। पीड़ित परिवार को सांत्वना दी है कि जल्दी ही मुख्य आरोपी जेल की सलाखों के पीछे होगा।
 
अधिकारियों ने कहा आरोपी को कड़ी सजा दी जाएगी। घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद पुलिस प्रशासन की 12 टीमों ने एक आरोपी को पकड़ा है, लेकिन लोगों की मांग है मुख्‍य आरोपी धीरेंद्र को पकड़ा जाना चाहिए। 
 
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