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Last Updated : बुधवार, 22 मई 2024 (11:53 IST)

अब आपको नहीं लगाने होंगे RTO के चक्कर, जानिए 1 जून से कैसे बनेंगे ड्राइविंग लाइसेंस?

निजी ड्राइविंग स्कूलों में आप अपना ड्राइविंग टेस्ट भी दे सकेंगे

अब आपको नहीं लगाने होंगे RTO के चक्कर, जानिए 1 जून से कैसे बनेंगे ड्राइविंग लाइसेंस? - Driving licenses will be made on private level from June 1
Driving licenses: अब आपको ड्राइविंग लाइसेंस (Driving licenses) के लिए आरटीओ (RTO) के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकार ने 1 जून से नए नियमों की घोषणा कर दी है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Highways) ने भारत में ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए नए नियमों की घोषणा की है।

 
प्राप्त जानकारी के अनुसार अब 1 जून 2024 से लोग सरकारी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) के बजाय निजी ड्राइविंग स्कूलों में अपना ड्राइविंग टेस्ट दे सकते हैं। इन निजी स्कूलों को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवश्यक परीक्षण लेने और प्रमाण पत्र प्रदान करने की अनुमति दी जाएगी।
 
निजी ड्राइविंग स्कूलों में अपना ड्राइविंग टेस्ट दे सकेंगे : नए नियमों के अनुसार अब 1 जून 2024 से लोग सरकारी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) के बजाय निजी ड्राइविंग स्कूलों में अपना ड्राइविंग टेस्ट दे सकते हैं। इन निजी स्कूलों को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवश्यक परीक्षण लेने और प्रमाण पत्र प्रदान करने की अनुमति दी जाएगी, वहीं अब आरटीओ के चक्कर लगाने से भी लोगों को मुक्ति मिल जाएगी।

 
नाबालिग के वाहन चालन पर होगा बड़ा जुर्माना : नए नियमों का उद्देश्य लगभग 9 लाख पुराने सरकारी वाहनों को खत्म करके और सख्त कार उत्सर्जन मानकों को लागू करके प्रदूषण में कटौती करना है। नए नियमों के मुताबिक तेज गति से गाड़ी चलाने पर जुर्माना अभी भी 1000 से 2000 रुपए के बीच है। लेकिन अगर कोई नाबालिग गाड़ी चलाते हुए पकड़ा गया, तो उसे 25,000 रुपए का जुर्माना देना होगा। साथ ही वाहन मालिक का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा और नाबालिग को 25 साल की उम्र तक लाइसेंस नहीं मिल पाएगा।
 
नया लाइसेंस प्राप्त करना आसान बनाया : मंत्रालय ने आवश्यक कागजी कार्रवाई को कम करके नया लाइसेंस प्राप्त करना आसान बना दिया है। आवश्यक दस्तावेज इस बात पर निर्भर करते हैं कि आप दोपहिया या चार पहिया लाइसेंस के लिए आवेदन कर रहे हैं जिसका अर्थ है कि आरटीओ में कम शारीरिक जांच की आवश्यकता होती है।
 
निजी ड्राइविंग स्कूलों के लिए क्या होंगे नियम? : नियमों के मुताबिक ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के पास कम से कम 1 एकड़ जमीन होनी चाहिए। यदि वे 4 पहिया वाहनों के लिए प्रशिक्षण देते हैं तो उन्हें 2 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। ड्राइविंग स्कूलों में उचित परीक्षण सुविधा होनी चाहिए। प्रशिक्षकों के पास हाई स्कूल डिप्लोमा कम से कम 5 साल का ड्राइविंग अनुभव के साथ बायोमेट्रिक्स और आईटी सिस्टम का ज्ञान होना चाहिए।
 
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भारत में ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए नए नियमों की घोषणा की। अब 1 जून 2024 से लोग सरकारी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) के बजाय निजी ड्राइविंग स्कूलों में अपना ड्राइविंग टेस्ट दे सकते हैं।
 
Edited by: Ravindra Gupta
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