मंगलवार, 3 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. »
  3. उर्दू साहित्‍य
  4. »
  5. नज़्म
Written By WD

नज़्म : 'तख़लीक़'

नज़्म : ''तख़लीक़'' -
जमील क़ुरेशी बांदवी

जिसके हाथों ने बनाया है तुझे

चाँद से उसने चमक ली होगी, तेरे पैकर की शबाहत के लिए
और तारों से दमक ली होगी, तेरे चेहरे की मलाहत के लिए

ले के घंगोर घटाएँ उसने, तेरी ज़ुल्फ़ों को नमी दी होगी
लेके फूलों से अदाएँ उसने, तेरे होंटों को हँसी दी होगी

मरमरीं ताक़ में दीपक रख कर, तेरी आँखों को बनाया होगा
सुर्मा-ए-च्श्म की ख़ातिर उसने, फिर कोई तूर जलाया होगा

जिसके हाथों ने बनाया है तुझे, सालहासाल तो सोचा होगा
और फिर उसने बनाकर तुझको, मुद्दतों प्यार से देखा होगा