बांग्लादेश में छात्र प्रदर्शनों के दौरान जवाबदेही और संवाद की अपील
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने बांग्लादेश में विश्वविद्यालय परिसरों में हो रहे छात्र प्रदर्शनों में इस सप्ताह हुई हिंसा पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है जिसमें अनेक लोगों की मौत हुई है और सैकड़ों घायल हुए हैं।
मानवाधिकार प्रमुख ने देश में शुक्रवार को इंटरनेट पूरी तरह बन्द रहने के बाद सरकार से बिना किसी देरी के इंटरनैट बहाल करने का आहवान भी किया है।
मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने इंटरनैट को बन्द किए जाने पर भी चिन्ता जताते हुए कहा है कि इससे जानकारी हासिल करने और सूचना पाने व साझा करने की आज़ादियों सहित, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, ग़ैर-आनुपातिक रूप में प्रतिबन्धित होती है, विशेष रूप में किसी संकटपूर्ण स्थिति के दौरान।
वोल्कर टर्क ने शुक्रवार को जारी एक वक्तव्य में कहा है कि प्रदर्शनकारी छात्रों पर हमले किया जाना विशेष रूप से दिल दहला देने वाली और अस्वीकार्य कार्रवाई है। उन्होंने इन हमलों की निष्पक्ष, त्वरित और व्यापक जाँच कराए जाने और उनके लिए ज़िम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने का आहवान किया है।
मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने कहा, “मैं सभी पक्षों से संयम बरतने और सुरक्षा बलों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं कि किसी भी तरह का बल प्रयोग, अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून की ज़रूरतों को पूरा करने की तर्ज़ पर हो”
“मैं सीमा गार्ड बांग्लादेश और त्वरित कार्रवाई बटालियन जैसे अर्द्धसैनिक बलों की इकाइयों की तैनाती की ख़बरों पर भी बहुत चिन्तित हूं क्योंकि ये बल, मानवाधिकार हनन के लिए जाने जाते रहे हैं।”
वोल्कर टर्क ने बांग्लादेश सरकार से शान्तिपूर्ण प्रदर्शनों में शिरकत करने वाले छात्रों की सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपाय करने के लिए कहा है।
उन्होंने साथ ही बिना किसी भय के सभाएं आयोजित करने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया है, जिसमें छात्रों को अपनी ज़िन्दगियों और शारीरिक गरिमा पर हमलों या अन्य प्रकार के दमन का कोई डर ना हो
यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने कहा है कि बांग्लादेश के राजनैतिक नेताओं से मौजूदा चुनौतियों के समाधान तलाश करने और देश के विकास पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए देश की युवा आबाद के साथ मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा, “बातचीत ही आगे बढ़ने का एक मात्र सर्वश्रेष्ठ रास्ता है”