IPO listing in share market : शेयर बाजार में वैसे तो कई कंपनियों के आईपीओ आते हैं और बाजार से पैसा जुटाकर चले जाते हैं। लेकिन जब बड़े आईपीओ की आमद होती है तो आम निवेशक भी शेयर बाजार में निवेश के लिए लालायित हो जाते हैं। एक्सपर्ट निवेशक तो सही समय पर अपना पैसा निकाल लेते हैं लेकिन ऐसे निवेशक जो बाजार में ज्यादा समय नहीं दे पाते और उसकी चाल को पकड़ने में नाकाम होते हैं, खुद का नुकसान कर लेते
हैं। आइए जानते हैं भारी भरकम आईपीओ शेयर बाजार के लिए फायदेमंद है या नुकसानदायक।
यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ था। हुंदै मोटर इंडिया लिमिटेड (एचएमआईएल) के 27,870 करोड़ के आईपीओ के लिए 1,865-1,960 रुपए प्रति शेयर का मूल्य दायरा तय किया गया था। बीएसई पर शेयर 1,931 रुपए पर सूचीबद्ध हुआ, जो निर्गम मूल्य से 1.47 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता है।
हुंडई के आईपीओ की खराब शुरुआत से निवेशकों में निराश दिखाई दिए। हालांकि कई निवेशकों का मानना था कि इसकी लिस्टिंग कमजोर होगी लेकिन लांग टर्म में हुंडई मोटर्स का शेयर बेहतर प्रदर्शन करेगा और उन्हें अच्छा लाभ होगा।
क्या हुआ था एलआईसी का हाल : इससे पहले मई 2022 में एलआईसी ने भारतीय शेयर बाजार में सबसे बड़ा आईपीओ पेश किया था। उसने आईपीओ से 20,557 करोड़ रुपए। बीएसई पर कंपनी का शेयर 949 रुपए के निर्गम मूल्य के मुकाबले 872 रुपए प्रति शेयर के भाव पर सूचीबद्ध हुआ। वहीं एनएसई पर एलआईसी के शेयर 867.20 रुपए पर सूचीबद्ध हुए। के साथ ही LIC 5.54 लाख करोड़ रुपए के बाजार पूंजीकरण के साथ देश की 5वीं सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई।
LIC की शेयर बाजार में लिस्टिंग का निवेशकों को लंबे समय से इंतजार था। जैसे ही इसकी लिस्टिंग हुई प्रॉफिट बुकिंग कर इससे बाहर निकलने का सपना देख रहे लोग निराश हो गए। हालांकि समझदार निवेशकों के लिए एलआईसी के शेयरों में निवेश घाटे का सौदा नहीं रहा। एक समय इसके शेयर की कीमत 1000 प्रति शेयर से भी ज्यादा हो गई थी। कई लोगों ने उस समय पैसा निकाल कर अपना मुनाफा वसूल लिया। आज इसका एक शेयर 914 रुपए में मिल रहा है।
कब आएगा टाटा संस का IPO : 2025 देश के सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक समूह टाटा संस का आईपीओ भी शेयर बाजार में आएगा। रिजर्व बैंक ने टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस को स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग से छूट दिए जाने के टाटा ग्रुप के अनुरोध को ठुकरा दिया है। 2023 में आरबीआई ने टाटा संस को अपर लेयर एनबीएफसी के तौर पर क्लासीफाई किया। इसके 3 साल के भीतर कंपनी का शेयर बाजार में लिस्ट होना आवश्यक है। दावा किया जा रहा है कि यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ होगा।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट : विशेषज्ञ सागर अग्रवाल ने कहा कि कंपनी आईपीओ लांच कर लोगों को अपना हिस्सेदार बनाती है। लोगों को उम्मीद होती है कि फायदा होगा। आईपीओ के लिए अप्लाय तो बड़ी संख्या में लोग करते हैं लेकिन आवंटन शेयर की क्वांटिटी के हिसाब से ही होता है। आईपीओ की बाजार में लिस्टिंग उस दिन के बाजार सेंटिमेट्स पर भी निर्भर करती है।
उन्होंने कहा कि कंपनी का ओवरऑल परफॉर्मेस और मार्केट में उसकी वर्थ पर क्या है, यह भी लिस्टिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह जरूरी नहीं है कि आईपीओ हमेशा फायदा ही दे। इसलिए इसमें सोच समझकर ही निवेश करना चाहिए। यह भी देखना चाहिए कि यह ओवर वैल्यूड तो नहीं है। इसमें ट्रेडिंग और निवेश दोनों होता है। अगर आपने आईपीओ खरीदा और शुरुआती प्रॉफिट लेकर तो बेच दिया तो यह ट्रेडिंग हो गई। अगर किसी ने इसे अपने पास रख लिया तो यह निवेश हो गया। निवेश में लांग टर्म फायदा मिलने की संभावना ज्यादा होती है। समझदारी से धैर्यपूवर्क फैसला लेकर आप नुकसान से तो बच ही सकते हैं।
Edited by : Nrapendra Gupta
अस्वीकरण : यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें।