ManasiJoshi : पैर गंवाने के बाद भी नहीं मानी हालातों से हार, कठिन ट्रेनिंग से 8 साल के बाद बनीं विश्व चैंपियन
पीवी सिंधू (PV Sindhu) ने विश्व खिताबी जीत से भारत का नाम रोशन किया, वहीं भारत की एक और बेटी मानसी जोशी (Manasi Joshi) ने भी भारतीय पैरा बैडमिंटन में स्वर्णिम सफलता हासिल की। वे बासेल में विश्व पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप के महिला एकल एसएल-3 फाइनल में हमवतन पारुल परमार को 21-12, 21-7 से हराकर विजेता बनीं। सबसे बड़ी बात यह कि उन्होंने हालातों से हार नहीं मानी। उन्होंने 2011 में एक दुर्घटना में अपना बायां पैर गंवा दिया था, लेकिन उन्होंने अपनी इस कमजोरी को अपनी ताकत बना लिया। उन्होंने कठिन ट्रेनिंग की और जीत के अपने सपने को सच किया।
मानसी की इस जीत पर सोशल मीडिया पर लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं। पैर गंवाने के 8 वर्ष बाद फाइनल में उन्होंने 3 बार की विश्व चैंपियन पारुल परमार को शनिवार को पराजित किया। मानसी पुलेला गोपीचंद अकादमी में ट्रेनिंग करती हैं। भारत ने इस प्रतियोगिता में कुल 14 पदक जीते, जिसमें 3 स्वर्ण और 3 रजत शामिल हैं।
पहला विश्व चैंपियनशिप खिताब जीतने के बाद मानसी ने कहा कि यह उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा है। मैच जीतने के बाद उन्होंने कहा कि मैंने बहुत कठिन ट्रेनिंग की है। मैंने एक दिन में 3 सेशन ट्रेनिंग की है। मैंने अपनी फिटनेस पर ध्यान केंद्रित किया था, इसलिए कुछ वजन भी कम किया और अपनी मांसपेशियों को बढ़ाया। मैंने सप्ताह में 6 सेशन ट्रेनिंग की और जिम में अधिक समय बिताया।