सिंहस्थ : चंद्रमा भी ठिठक गए अमृत स्नान को देखकर
उज्जैन। उज्जयिनी में सिंहस्थ महापर्व में अद्भुत, अलौकिक दिव्यत्व से मिलन का आभास हुआ। उज्जयिनी में मोक्षदायिनी मां शिप्रा नदी के तट पर सिंहस्थ महापर्व का शुभारंभ गुरुवार, 21 अप्रैल 2016 की रात्रि 12 बजे के बाद से 'हर-हर महादेव' के उद्घोष के साथ 22 अप्रैल का प्रथम शाही स्नान प्रारंभ हुआ।
परंपरा अनुसार शैव अखाड़े के स्नान पर्व की शुरुआत हुई। यह अद्भुत दृश्य था, जब ऐसा लगा कि आसमान में चन्द्रदेव इस अलौकिक दृश्य को देखकर कुछ क्षण के लिए स्थिर हो गए।
उज्जैन के शिप्रा नदी तट पर 1 माह के लिए सिंहस्थ महाकुंभ के शुभारंभ पर रामघाट पर श्रद्धालुओं का अपार जन-समूह उपस्थित था। इनमें प्रदेश ही नहीं, देश-विदेश के श्रद्धालु इस अमृत स्नान को देखने के लिए लालायित थे।
मां शिप्रा नदी में संत-महंतों के स्नान के साथ-साथ लाखों श्रद्धालुओं ने भी शिप्रा में डुबकी लगाकर अपने आपको धन्य समझा।
मुख्य स्नान-घाट के साथ-साथ समस्त स्नान घाटों पर रात में दिन जैसा नजारा प्रतीत हो रहा था। शाही स्नान को देखने के लिए उपस्थित जन-समूह अपने-अपने मोबाइल कैमरे से फोटो लेकर मानो सिंहस्थ पर्व को समेटने को उत्सुक थे।
घाट पर बने मंदिर की मूर्तियों की छटा अलौकिक दिखाई दे रही थी। फोटोग्राफर भी अपने कैमरों में इस शुभ प्रसंग को कैद करने के लिए अनुशासन के साथ मीडिया गैलरी में कवरेज के लिए तत्परता से विभिन्न दृश्यों का छायांकन करते रहे।