सिंहस्थ कला उत्सव का वैदिक ऋचाओं से हुआ शुभारंभ
उज्जैन। आस्था और अध्यात्म के समागम सिंहस्थ महाकुंभ के मंगलनाथ क्षेत्र में सिंहस्थ कला उत्सव का शुभारंभ वैदिक ऋचाओं के सस्वर पाठ से हुआ।
कालिदास मंच पर प्रथम प्रस्तुति के रूप में अमितोष द्विवेदी ने ऋग्वेद की ऋचाओं का पाठ किया। उनके साथ आशीष तिवारी, आदर्श पांडे और प्रवेश पांडे ने भी समवेत स्वर में पाठ किया।
दूसरी प्रस्तुति के रूप पं. कृष्णराम चौधरी द्वारा शहनाई वादन किया गया। उनके साथ तबले पर संगत दी रामस्वरूप रतोरिया, सुर पेटी पर पवन रायचौधरी और शहनाई पर हेमंत रायचौधरी ने।
तीसरी प्रस्तुति के रूप में लयशाला ललित कला समिति, पुणे की कलाकार सविता गोडबोळे ने कथक नृत्य प्रस्तुत किया। कथक में शिव स्तुति, समुद्र मंथन तथा गंगावतरण की प्रस्तुति दी गई। उत्सव का सिंहस्थ में आए श्रद्धालुओं ने आनंद लिया और उसकी सराहना की।
कला उत्सव भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से प्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा मनाया जा रहा है। कार्यक्रम कुंभ के दौरान 22 अप्रैल से 21 मई तक किए जाएंगे। इस तरह के कार्यक्रम सिंहस्थ मेला क्षेत्र में 5 स्थानों पर किए जा रहे हैं।
इनमें देश के सभी राज्यों से लोकनृत्य, गायन और वादन, श्रीकृष्ण, शिव और रामलीला आख्यान केंद्रित नाटक, भक्ति संगीत और आध्यात्मिक फिल्मों आदि का प्रदर्शन किया जाएगा।