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Last Modified: सोमवार, 18 जुलाई 2022 (12:24 IST)

सावन का पहला सोमवार : भोलेनाथ शिव प्रसन्न होंगे 11 शुभ पूजा सामग्री से

shivling
Shiv puja samagri : श्रावण मास के पहले सोमवार पर लोग व्रत रखकर शिवलिंग की पूजा करते हैं। शिवलिंग की पूजा में कौनसी 11 सामग्री अर्पित करना चाहिए जिससे भोलेनाथ प्रसन्न होंगे? आओ जानते हैं 11 शुभ पूजा सामग्री।
 
1. बिल्वपत्र : तीन पत्तियों वाला बिल्वपत्र शिव जी को अत्यंत प्रिय है। बिल्वपत्र चढ़ाना एवं 1 करोड़ कन्याओं के कन्यादान के फल के समान है। भगवान के तीन नेत्रों का प्रतीक है बिल्वपत्र।
 
2. आंकड़ा : शास्त्रों के मुताबिक शिव पूजा में एक आंकड़े का फूल चढ़ाना सोने के दान के बराबर फल देता है।
 
3. धतूरा : भगवान शिव को धतूरा भी अत्यंत प्रिय है। भागवत‍ पुराण के अनुसार शिव जी ने जब सागर मंथन से निकले हलाहल विष को पी लिया तब वह व्याकुल होने लगे। तब अश्विनी कुमारों ने भांग, धतूरा, बेल आदि औषधियों से शिव जी की व्याकुलता दूर की।
 
4. चंदन : भगवान शिव मस्तक पर चंदन का त्रिपुंड लगाते हैं। यदि शिव जी को चंदन चढ़ाया जाए तो इससे समाज में मान सम्मान यश बढ़ता है।
 
5. कर्पूर : भगवान शिव का प्रिय मंत्र है कर्पूरगौरं करूणावतारं.... यानी जो कर्पूर के समान उज्जवल हैं। भगवान भोलेनाथ को कर्पूर की महक से प्यार है अत: कर्पूर शिव पूजन में अनिवार्य है।
6. पंचामृत : सावन मास में पंचामृत अर्पित करना बहुत शुभ है। इसमें दूध, दही, शहद, शक्कर और घी होता है। 
 
7. भस्म : भस्म ही शिवजी का श्रृंगार और वस्त्र है। यह संसार की नश्‍वरता का प्रतीक भी है। कोई भी व्यक्ति या यह संसार समाप्त होने के बाद भस्म स्वरूप ही हो जाता है। माता सती ने जब स्वयं को अग्नि के हवाले कर दिया तो क्रोधित शिव ने उनकी भस्म को अपनी पत्नी की आखिरी निशानी मानते हुए तन पर लगा लिया, ताकि सती भस्म के कणों के जरिए हमेशा उनके साथ ही रहे। हवन की सामग्री से भस्म बनाकर अर्पित करें।
 
8. अक्षत : शिवजी को अखंडित सफेद अक्षत अर्पित करते हैं। अक्षत का अर्थ होता है जो टूटा न हो। उन्हें गुलाल, सिंदूर, लाल फूल, कुमकुम, रोली अर्पित नहीं करते हैं।
 
9. गंगाजल : शिवजी को गंगाजल जरूर अर्पित करना चाहिए। गंगाजल नहीं हो तो किसी पवित्र जल में दो बूंद गंगाजल मिलाकर अर्पित करें।
 
10. जनेऊ : शिवजी को जनेऊ भी अर्पित करें। यह बहुत ही शुभ होती है।
 
11. शमी का पत्ता : शिवजी को शमी का पत्ता अर्तित करने से शनिदोष दूर हो जाता है। 
 
इसके अलावा आप चाहें तो भांग, रुद्राक्ष,  केसर, गुड़, शहद, सफेद तिल, गेहूं, जौ, शक्कर, सूखे मेवे, आदि अर्पित कर सकते हैं। साथ ही उन्हें पेड़ा, पान, मालपुआ, ठंडाई, लस्सी, हलवा, मखाने की खीर आदि भोग भी लगाएं। 
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