Shravan Month 2023 : धार्मिक मान्यता के अनुसार श्रावण (सावन) मास के प्रथम सोमवार से सोलह सोमवार व्रत प्रारंभ किया जाता है। 16 सोमवार का व्रत सबसे अधिक लोकप्रिय व्रतों में से एक है। वैसे यह व्रत हर उम्र और हर वर्ग के व्यक्ति कर सकते हैं, लेकिन कुछ नियमों की पाबंदी के चलते वही लोग इस व्रत को कर सकते हैं, जो व्रत रखने की क्षमता रखते हैं।
इस व्रत से अविवाहित जातक मनचाहा वर पा सकते हैं। यदि विवाहित लोग व्रत कर रहे हैं तो इसे करने से पहले ब्रह्मचर्य नियमों का ध्यान रखें। बता दें कि शिवलिंग पर शंख से जल, केवड़े और केतकी के पुष्प, तुलसी दल, हल्दी और नारियल पानी अर्पित नहीं करना चाहिए।
आइए यहां पढ़ें 16 सोमवार व्रत के 16 विशेष नियम-
1. सूर्योदय से पहले उठकर पानी में कुछ काले तिल डालकर नहाना चाहिए।
2. इस दिन सूर्य को हल्दी मिश्रित जल अवश्य चढ़ाएं।
3. अब भगवान शिव की उपासना करें। सबसे पहले तांबे के पात्र में शिवलिंग रखें।
4. भगवान शिव का अभिषेक जल या गंगाजल से होता है, परंतु विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दूध, दही, घी, शहद, चने की दाल, सरसों तेल, काले तिल, आदि कई सामग्रियों से अभिषेक की विधि प्रचलित है।
5 .इसके बाद 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र के द्वारा श्वेत फूल, सफेद चंदन, चावल, पंचामृत, सुपारी, फल और गंगाजल या स्वच्छ पानी से भगवान शिव और पार्वती का पूजन करना चाहिए।
6. अभिषेक के दौरान पूजन विधि के साथ-साथ मंत्रों का जाप भी बेहद आवश्यक माना गया है। महामृत्युंजय मंत्र, भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र या अन्य मंत्र, स्तोत्र जो कंठस्थ हो।
7. शिव-पार्वती की पूजा के बाद सोमवार की व्रत कथा करें।
8. आरती करने के बाद भोग लगाएं और घर परिवार में बांटने के बाद स्वयं ग्रहण करें।
9. नमक रहित प्रसाद ग्रहण करें।
10. दिन में शयन न करें।
11. प्रति सोमवार पूजन का समय निश्चित रखें।
12. प्रति सोमवार एक ही समय एक ही प्रसाद ग्रहण करें।
13. प्रसाद में गंगाजल, लौंग, चूरमा, खीर और लड्डू में से अपनी क्षमतानुसार किसी एक का चयन करें।
14. 16 सोमवार तक जो खाद्य सामग्री ग्रहण करें उसे एक स्थान पर बैठकर ग्रहण करें, चलते फिरते नहीं।
15. प्रति सोमवार एक विवाहित जोड़े को उपहार दें। (फल, वस्त्र या मिठाई)
16. 16 सोमवार तक प्रसाद और पूजन के जो नियम और समय निर्धारित करें उसे खंडित ना होने दें।
आइए जानते हैं प्रसाद के बारे में-
- चूरमा,
- खीर,
- लड्डू,
- सफेद मिठाई या सफेद रंग के पेढ़े,
- मिश्री
- शकर
- आम,
- केला,
- खीर,
- शहद,
- हलवा,
- इलायची,
- पंचमेवा,
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शकर) आदि को भोग में चढ़ाया जा सकता हैं।
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