गुरुवार, 28 नवंबर 2024
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'गजच्छाया योग' में मिलता है श्राद्ध का अक्षयफल

'गजच्छाया योग' में मिलता है श्राद्ध का अक्षयफल - gajchhaya yog and shradhh
वैसे तो श्राद्ध श्रद्धा का विषय है और पूर्ण श्रद्धाभाव के साथ सम्पन्न करने पर ही फलदायी होता है। लेकिन कुछ विशेष संयोग भी होते हैं जिनमें यदि श्राद्ध किया जाए तो श्रेयस्कर होता है। ऐसा ही एक योग है 'गजच्छाया योग' जिसमें श्राद्ध कर्म करने का अनन्त गुना फ़ल बताया गया है। 'गजच्छाया योग'कई वर्षों बाद बनता है। आइए जानते हैं 'गजच्छाया योग' किसे कहते हैं।
 
'गजच्छाया योग'
 
जब सूर्य हस्त नक्षत्र पर हो और त्रयोदशी के दिन मघा नक्षत्र होता है तब 'गजच्छाया योग' बनता है। यह श्राद्धकर्म के लिए अत्यन्त शुभ होता है। इसमें किए गए श्राद्ध का अक्षय फ़ल होता है।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
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