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प्राणायाम के सामान्य नियम जानिए

प्राणायाम
प्राणायाम करने का सबसे उत्तम समय प्रातःकाल शौचादि से निवृत्त होने के पश्चात्‌ है। सायंकाल में की कुछ हल्के प्राणायाम किए जा सकते हैं।
 

 

 
* स्थान स्वच्छ, शांत और हवादार होना चाहिए।
 
* पद्मासन, सिद्धासन अथवा सुखासन पर बैठकर प्राणायाम करना चाहिए।
 
* प्राणायाम करने वाले साधक का आहार-विहार संतुलित, सात्विक एवं पवित्र होना चाहिए।
 
* प्राणायाम का अभ्यास श्रद्धा, प्रेम, धैर्य और सजगता के साथ नियमित करना चाहिए।
 
* दमा, उच्च रक्तचाप तथा हृदय रोगियों को कुंभक नहीं करना चाहिए।
 
* हर एक प्राणायाम करने के पश्चात्‌ एक दो गहरे लंबे सांस भरकर धीरे-धीरे निष्कासित करके श्वास को विश्राम देना चाहिए। उखड़े श्वास में कभी भी प्राणायाम नहीं करना चाहिए।
 
* प्रत्येक प्राणायाम अपनी क्षमतानुसार करें, किसी स्तर पर किसी प्रकार के कष्ट का अनुभव न हो अथवा श्वास घुटने न पाए।
 
* प्राणायाम करने वाले साधक के वस्त्र मौसम के अनुकूल कम से कम तथा ढीले होने चाहिए।
 
* किसी रोग की स्थिति में तथा गर्भवती महिलाओं को वेगयुक्त प्राणायाम नहीं करने चाहिए।