दर्दनाक दास्तां, क्या में बच जाऊंगी, मैं जीना चाहती हूं भैया...
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के उन्नाव मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना का शिकार हुई पीड़िता इस समय जिंदगी की जंग दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में लड़ रही है। गुरुवार रात दिल्ली के अस्पताल में मौके पर मौजूद नर्सों की आंखों में आंसू आ गए, जब एक बहन ने अपने भाई से कहा 'भैया कुछ भी हो जाए, कोई भी आरोपी बचना नहीं चाहिए।'
टूटती हुई आवाज में अपने भाई से यह शब्द किसी और ने नहीं बल्कि स्वयं पीड़िता ने कहे तो मौके पर मौजूद भाई अपनी आंख के आंसू नहीं रोक पाया। यह नजारा देख अस्पताल में मौजूद नर्स भी अपने आंसू रोक नहीं पाई। इस बारे में जब अस्पताल के डॉक्टर सुनील गुप्ता से पत्रकारों ने पूछा तो उन्होंने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि गुरुवार रात 8 से साढ़े 8 बजे के दौरान पीड़िता बात कर पा रही थी।
वह अस्पताल में मौजूद अपने बड़े भाई से पूछ रही थी कि भैया क्या में बच जाउंगी। मैं जीना चाहती हूं। आरोपियों को छोड़ना नहीं है। भैया कुछ भी हो जाए बचना नहीं चाहिए कोई भी आरोपी, लेकिन इस दौरान पीड़िता को सांस लेने और बोलने में काफी तकलीफ भी हो रही थी। आवाज बहुत ही धीमी थी।
डॉक्टर ने कहा कि पीड़िता की हालत बेहद गंभीर है, लेकिन हमारी टीम पीड़िता को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। गौरतलब है कि बिहार क्षेत्र के हिंदूनगर भाटनखेड़ा गांव के रहने वाले शिवम और शुभम ने 12 दिसंबर 2018 को इलाके की एक युवती को अगवा कर रायबरेली जिले के लालगंज थाना क्षेत्र में गैंगरेप किया था, जिसका मुकदमा रायबरेली जिले के थाना लालगंज में पंजीकृत है और रायबरेली कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है।
दरअसल, गैंगरेप पीड़िता को लेकर पीड़िता (दिल्ली में भर्ती) कोर्ट के लिए जा रही थी तो आरोपियों ने पीड़िता को रोक पहले मारपीट की और फिर मिट्टी का तेल डालकर आग के हवाले कर दिया, जब तक पीड़ित अस्पताल पहुंचती तब तक काफी हद तक जल चुकी थी और उसकी हालत गंभीर बनी हुई थी। आनन-फानन में लखनऊ से उसे दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है, जहां पर पीड़िता का इलाज चल रहा है।