अगरतला। लात्रिपुरा में पिछले सप्ताह आई बाढ़ से मरने वालों की संख्या छह तक पहुंच गई है और हावड़ा नदी से बुधवार को दो और शवों को निकाला गया। पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी है।
रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में है लेकिन पर्वतीय इलाकों में प्रतिदिन हो रही भारी बारिश से नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है जिसके कारण बाढ़ का पानी निचले इलाकों में भर रहा है।
पुलिस ने बताया तीन दिन पहले हावड़ा नदी में आई बाढ़ में 22 वर्षीय परेश सरकार बह गया था। जलस्तर कम होने के बाद राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) के जवानों ने कल उसके शव को निकाला। परेश खयेरपुर के ब़ृद्धिनगर गांव का निवासी है और नदी में मछली पकड़ने के लिए गया था, जो बाढ़ के पानी में बह गया था।
दूसरी ओर राहत एवं बचाव कार्य में लगे पुलिसकर्मियों को एक और शव मिला। इस शव की शिनाख्त भद्रामणी देबबर्मा (55) के रूप में हुई है। पिछले सप्ताह दक्षिण त्रिपुरा के गोमती नदी में आई बाढ़ में बह गया था।
इससे पहले पिछले सप्ताह अगरतला में आई बाढ़ के दौरान तीन नाबालिग और एक महिला की डूबने से मौत हो गई थी। दक्षिणी अगरतला में बाढ़ के दौरान लापता एक और व्यक्ति की पुलिस तलाश कर रही है, लेकिन यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उसकी बाढ़ में बहने से मौत हो गई या वह लापता है।
एक अन्य घटना में गोमती जिले के महारानी गांव की एक महिला चिनुरानी पाल (34) ने कल बाढ़ के पानी में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को ना तो अभी तक शव मिला और ना ही आत्महत्या की वजह का पता चल सका है। पुलिस परिवार के सदस्यों से पूछताछ कर रही है।
हालांकि आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने बताया कि कुछ परिवारों को छोड़कर सभी 56000 बाढ़ पीड़ित अपने घर वापस चले गए है और प्रशासन उनके लिए पीने का पानी और स्वास्थ्य देखभाल के प्रबंध कर रहा है।
इस बीच राज्य के मंत्रिमंडल ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को त्रिपुरा के तीन जिलों पश्चिम, सेपाहिजाला और खोवाई में बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा जिला प्रशासन से उन परिवारों के घरों की मरम्मत करने को कहा है, जिनके घर बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो गए थे।
शहरी विकास मंत्री माणिक डे ने अगरतला नगर निगम को आधुनिक मशीनों के जरिए शहर के सभी नालों की सफाई करने का निर्देश दिया है, जिससे पानी का निकास हो सके। वित्तमंत्री भानू लाल साह ने कहा मंत्रिमंडल ने तीनों जिलों में आई भयावह बाढ़ की समीक्षा की, जिसमें 10 हजार से अधिक परिवारों को अपना घर छोड़कर अन्यत्र जाना पड़ा। बाढ़ से घरों, सड़कों और कृषि फसल को अत्यधिक नुकसान पहुंचा है।
अब बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ है लेकिन कई स्थानों पर विनाशकारी बाढ़ अपने निशान छोड़ गई है। कृषि, मत्स्य और लोक निर्माण विभाग बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने में जुट गया है। उन्होंने कहा कि सरकार विभागों से इस संबंध में रिपोर्ट मिलने के बाद ही वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगी। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य विभाग से जल जनित बीमारियों से बचने के लिए सभी संभव कदम उठाने को कहा गया है। (वार्ता)