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Last Updated : शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2019 (22:56 IST)

BDC चुनाव में भाजपा एकमात्र पार्टी, फिर भी JK में मुंह की खाई

BDC चुनाव में भाजपा एकमात्र पार्टी, फिर भी JK में मुंह की खाई - Jammu Kashmir BDC election
जम्मू। भाजपा को जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को संपन्न हुए बीडीसी चुनावों में भी मुंह की खानी पड़ी है। यह बात अलग है कि चुनाव आयोग ने बीडीसी चुनाव पार्टी लाइन पर करवाने का फैसला किया था और भाजपा को छोड़ कोई भी राजनीतिक दल मैदान में नहीं था। इससे खुश भाजपा को मतदाताओं ने नाखुश ही कर दिया।

यह सच है कि जम्मू-भाजपा को बीडीसी चुनाव में तगड़ा झटका लगा है। कई दिग्गजों के इलाके में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। लोकसभा चुनाव में जहां उधमपुर-डोडा व जम्मू-पुंछ सीट पर पार्टी को भारी जीत मिली थी, वहीं लगभग 5 माह में हुए बीडीसी चुनाव में उसे निर्दलीयों से मुंह की खानी पड़ी।

नगरोटा विधानसभा क्षेत्र के सभी तीन ब्लाक में पार्टी प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा। इस सीट से मौजूदा सांसद जुगल किशोर शर्मा प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। विजयपुर विधानसभा की सभी सीटें भी पार्टी हार गई। यहां से पूर्व मंत्री चंद्रप्रकाश गंगा चुनाव जीते थे। बिलावर और नौशहरा विधानसभा में आधी सीटें जीतने में पार्टी सफल रही।

बिलावर से डॉ. निर्मल सिंह और नौशहरा से पार्टी अध्यक्ष रवींद्र रैना विधायक रहे हैं। कालाकोट विधानसभा क्षेत्र में भी पार्टी को जीत का स्वाद नहीं मिला। जम्मू संभाग के केवल किश्तवाड़ जिले में निर्दलीयों से भाजपा प्रत्याशियों की संख्या अधिक रही, जबकि अन्य नौ जिलों में जीत दर्ज कराने में निर्दलीय हावी रहे।
 
बताया जा रहा है कि टिकट वितरण से कई दावेदारों में नाराजगी थी। इस वजह से कई ने पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ ताल भी ठोंकी। ज्ञात हो कि कश्मीर संभाग में भाजपा के 18 व 109 निर्दलीय चुनाव जीतने में कामयाब रहे। लद्दाख संभाग में भाजपा की झोली में 11 व निर्दलियों की झोली में 20 सीटें आईं। कुल 316 ब्लाकों में से भाजपा सिर्फ 81 ब्लाक में ही जीत दर्ज कर पाई है।
 
नगरोटा के पूर्व विधायक और नेकां के संभागीय प्रधान देवेंद्रसिंह राणा का कहना है कि बीडीसी चुनाव परिणाम दर्शाते हैं कि लोग राज्य के भाजपा नेतृत्व से नाराज हैं। इस वजह से उन्होंने भाजपा को नकारा है। लोकसभा चुनाव में मोदी फैक्टर की वजह से उसे जीत हासिल हुई।
 
उधमपुर में पैंथर्स पार्टी को मिली जीत भाजपा के लिए खतरे की घंटी हो सकती है। खतरा इस वजह से है क्योंकि इस जिले में आठ सीटें जीतकर पार्टी ने भाजपा को तगड़ा नुकसान पहुंचाया। इनमें से भी अकेले रामनगर विधानसभा क्षेत्र की सात सीटें पार्टी के खाते में आई हैं।