प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से पहले हार्दिक पटेल ने कराया मुंडन, निकाला विरोध मार्च
हार्दिक पटेल समेत 51 पाटीदार युवाओं ने सिर मुड़वाते हुए न्याय यात्रा प्रारंभ की। हार्दिक पटेल का आरोप है कि पाटीदार युवाओं पर 2015 के आंदोलन के दौरान हुई ज्यादतियों की जांच के लिए सरकार सक्रिय नहीं है। साथ ही भावनगर के मांडवी हत्याकांड और अन्य घटनाओं में भी जांच सही दिशा में नहीं हो रही है। ऐसे में दोबारा राज्य में पाटीदार आंदोलन को तेज करने के प्रयास में उन्होंने न्याय यात्रा निकाली है।
इसी साल गुजरात में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे माहौल में पाटीदार आंदोलन पर सबकी नजरें हैं और पाटीदार भी चुनाव के वक्त अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
हार्दिक और उनकी पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) के 50 सदस्यों ने आज सुबह लाठीडाड गांव में विरोध मार्च निकाला। उसके बाद वे यहां से तकरीबन 155 किलोमीटर दूर बोटाड जिले से 'न्याय यात्रा' पर निकले ताकि आरक्षण के लिए ओबीसी श्रेणी में शामिल किए जाने समेत अपनी अन्य मांगों को रेखांकित कर सकें।
हार्दिक ने कहा, "पास के 50 सदस्यों के साथ मैंने इस सरकार द्वारा हमारे समुदाय के सदस्यों पर पिछले दो वर्षों में किए गए अत्याचार को उजागर करने के लिए अपना सिर मुंड़वाने का फैसला किया। अब हम न्याय मांगने के लिए न्याय यात्रा पर निकल रहे हैं।"
बोटाड से शुरू हुआ मार्च तकरीबन 50 गांवों से होकर गुजरेगा और पड़ोसी भावनगर शहर में खत्म होगा। कुछ दिन पहले हार्दिक ने गुजरात में फिर से आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन शुरू करने की घोषणा की थी और कहा था कि उनका मुख्य लक्ष्य आगामी विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा को हराना है।
उल्लेखनीय है कि हार्दिक पटेल पर कभी आम आदमी पार्टी से जुड़े होने का आरोप था और अब वे शिवसेना से जुड़े हैं। (एजेंसी)