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Last Modified: शुक्रवार, 4 अगस्त 2017 (10:02 IST)

सरकारी दफ्तर में काम कर रहे थे प्राइवेट कर्मचारी, कमिश्नर ने मारा छापा

सरकारी दफ्तर में काम कर रहे थे प्राइवेट कर्मचारी, कमिश्नर ने मारा छापा - Government employee
मेरठ। उत्तरप्रदेश के मेरठ मंडल के आयुक्त डॉ. प्रभात कुमार ने गुरुवार को सदर तहसील में छापा मारकर यहां काम कर रहे 5 प्राइवेट कर्मचारियों और नाजिर को रंगेहाथ पकड़ा। ये 5 लोग तहसील में सरकारी कर्मचारियों के लिए गैरकानूनी ढंग से काम कर रहे थे। कमिश्नर के निर्देश पर दर्ज की गई एफआईआर के बाद दिल्ली गेट थाना पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार अभियुक्तों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
 
आयुक्त डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि उनको शिकायतकर्ता राजकुमार द्वारा नायब नाजिर की कारगुजारियों व नायब नाजिर सदर तहसील व अन्य कर्मचारियों द्वारा प्राइवेट लोग रखकर उनसे शासकीय कार्य कराने की शिकायत प्राप्त हुई। इसकी जांच उन्होंने अपर जिलाधिकारी प्रशासन, एसडीएम, तहसीलदार व नायब तहसीलदार से करवाई लेकिन सभी जांच आख्याओं में शिकायत झूठी पाई गई। इस पर उन्होंने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए सर्विलांस कर जांच कराई जिसमें प्रकरण सही पाया गया।
 
आयुक्त ने बताया कि तहसील सदर में छापे के दौरान 5 प्राइवेट कर्मचारी सरकारी कार्य करते हुए पाए गए। पकड़े गए अभियुक्तों में संजय, नितिन, रिजवान, आशु व मुकेश कुमार ने अपना जुर्म कबूल किया। आयुक्त ने बताया कि नायब नाजिर सदर तहसील रणसिंह को भी अभियुक्तों के साथ कमिश्नरी लाया गया तथा सभी के बयान दर्ज कराकर व एफआईआर कराई गई।
 
आयुक्त के समक्ष संजय ने बताया कि वह पेशकार आकाश के लिए काम करता है। नितिन ने बताया कि वह नायब नाजिर सदर तहसील के लिए काम करता है। रिजवान ने बताया कि वह तहसीलदार न्यायिक के पेशकार के लिए काम करता है। आशु ने बताया कि नायब नाजिर सदर तहसील के ड्राइवर का कार्य करता है तथा मुकेश कुमार ने बताया कि वह आरसी बाबू के लिए कार्य करता है। 
 
आयुक्त ने बताया कि जिन शासकीय कर्मियों के लिए ये लोग कार्य करते हैं, उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी। कर्मचारियों के पक्ष में कलेक्टोरेट कर्मचारी संघ के पदाधिकारी भी आयुक्त के समक्ष अपने स्तर से कार्रवाई करने के लिए पहुंचे लेकिन आयुक्त ने उनको समझाकर वापस भेज दिया। (भाषा)
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