बड़ी खबर! मुंबई में पांच मंजिला इमारत गिरी
मुंबई। दक्षिण मुंबई के भिंडी बाजार में 117 साल पुरानी पांच मंजिला एक जर्जर इमारत के गिर जाने से 24 लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य जख्मी हो गए। इस इमारत में आवास, गोदाम और एक प्लेस्कूल था। अधिकारियों ने बताया कि आठ से 10 लोगों के अब भी इस इमारत के मलबे में फंसे होने की आशंका है।
दमकल विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ध्वस्त होने वाली हुसैनी इमारत में करीब नौ परिवार रहते थे। मीडिया की कुछ खबरों में बताया गया है कि इस इमारत में एक प्ले स्कूल भी चलता था लेकिन हादसे के समय बच्चे नहीं पहुंचे थे।
यह इमारत जेजे अस्पताल के नजदीक मुस्लिम बाहुल्य पकमोडिया स्ट्रीट में स्थित थी जहां पर अधिकांश तौर पर निम्न मध्यवर्गीय परिवारों की रिहायश है। करीब साढ़े आठ बजे ध्वस्त हुई इस इमारत के भूतल पर छह गोदाम थे।
अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि मुंबई में हुई भीषण बारिश से क्या इस इमारत को कोई नुकसान पहुंचा था। बताया जाता है कि यह इमारत करीब 100 साल से अधिक पुरानी थी।
कंक्रीट के मलबे और लोहे की मुड़ चुकी छड़ों के ढेर को किसी तरह हटाया जा रहा है। बचावकर्मी नीचे तक पहुंचने के लिए मलबे के ढेर पर चढ़कर कंक्रीट की स्लैब को हथौड़े से तोड़ रहे हैं। क्रेन एवं बुलडोजरों को मलबा हटाने के लिए लगाया गया है। स्थानीय निवासी भी मलबा हटाने में मदद कर रहे हैं।
पुलिस उपायुक्त (जोन एक) मनोज शर्मा ने बताया, 'मलबे में फंसे लोगों की सही संख्या के बारे में तत्काल जानकारी नहीं है।'
महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री सौरभ देसाई ने बताया कि हमारी प्राथमिकता ध्वस्त हुई इमारत के मलबे में फंसे हुये लोगों को यथाशीघ्र बाहर निकालने की है। एक बार बचाव अभियान पूरा हो जाए, फिर सरकार इमारत गिरने के कारणों का पता लगाएगी। दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बृहनमुंबई नगर निगम (एमसीजीएम) के आपदा प्रंबधन प्रकोष्ठ को सुबह करीब आठ बज कर 40 मिनट पर इमारत गिरने के बारे में सूचना मिली। एमसीजीएम अपने आपात बचाव टीम के साथ-साथ एम्बुलेंस,डम्पर और उपकरणों के साथ घटनास्थल पर पहुंची। घटना के तुरंत बाद राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 90 जवान भी घटनास्थल पर पहुंचे।
एमसीजीएम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'हमने फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए तुरंत दमकल कर्मचारियों को घटनास्थल पर भेजा।' दमकल कर्मचारियों की मदद से एनडीआरएफ टीम बचाव अभियान का संचालन कर रही है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना में एक बुजुर्ग दंपत्ति सहित 12 लोगों की मौत हो गयी और 14 अन्य लोग घायल हो गए। घायलों को जेजे अस्पताल ले जाया गया है। उन्होंने बताया कि मृतकों में नौ पुरूष और तीन महिला शामिल हैं। मृतकों की पहचान की जा रही है।
घायलों को स्ट्रेचर से एम्बुलेंस में ले जाया गया। शहर में मूसलाधार बारिश के दो दिन बाद हुई इस घटना को लेकर आशंका जताई जा रही है कि शहर में तबाही मचाने वाली बारिश के पानी की वजह से इमारत को नुकसान हुआ होगा। कुछ निवासियों ने दावा किया कि नौ परिवारों के करीब 40 लोग ध्वस्त हुई इमारत में रहते थे। इस इमारत को महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट ऑथिरिटी (एमएचएडीए) ने ‘असुरक्षित’ घोषित किया था।
उपनगरीय घाटकोपर इलाके में 25 जुलाई को एक आवासीय परिसर के गिर जाने के करीब एक महीना के बाद शहर में इमारत गिरने की यह दूसरी बड़ी घटना है। उस घटना में 17 लोगों की मौत हुई थी। (भाषा)