जग आधार है, एक ही नाम,
जपते चलना, जय श्री राम...!!!
रघुकुल में जन्में प्रभु श्री राम,
आनंद छाया, अयोध्या धाम।
दशरथ नंदन दयालु श्री राम,
बनाते सकल जग के काम।।
जग आधार है.....!!!
कौशल्या माता के पुत्र दुलारे,
कैकयी, सुमित्रा सुपुत्र पुकारे।
लक्ष्मण राम के चरण पखारे,
भरत पादुका, शीश पर धारे।।
जग आधार है.....!!!
श्री रघुवर, सीता के मन भाए,
सीता पति श्री राम कहलाए।
दोनों जग को मर्यादा सिखाए,
पुष्प में सुगंध सम प्रीत निभाए।।
जग आधार है.....!!!
चौदह वर्ष का वनवास पाए,
सीता को स्वर्णमृग मन भाए।
रावण छल से सीता हथियाए,
रक्षा करें जटायु ने प्राण गवाए।।
जग आधार है.....!!!
श्री राम सुग्रीव से मित्रता पाए,
बालि वध करें, राज्य लौटाए।
लंकापुरी श्री हनुमान जलाए,
माता सीता का पता लगाए।।
जग आधार है.....!!!
श्री राम कुम्भकर्ण, रावण संहारे,
सीता संग पुनः अयोद्धा पधारे।
अयोद्धा में हर्ष जताएं जन सारे,
दसदिशा में उमंगित उजियारे।।
जग आधार है.....!!!
जिव्हा सदा राम नाम गुण गाए,
सियाराम बनते पीड़ा में सहाए।
रोम-रोम में राम भक्ति माए,
सब सुख हो अंत में मोक्ष पाए।।
जग आधार है, एक ही नाम,
जपते चलना, जय श्री राम...!!!