जयपुर। राजस्थान के विधानसभा चुनावों में तमाम नेताओं के भाषणों में राम मंदिर और राम का नाम तो जब-तब सुनाई देता रहता है, लेकिन यह तथ्य अपने आप में दिलचस्प है कि चुनाव मैदान में उतरे 2,000 से अधिक उम्मीदवारों में से कुल 319 उम्मीदवारों के नाम में 'राम' है।
सत्ताधारी भाजपा के 30 और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के कुल 23 'राम' इस चुनावी समर में अपनी राजनीतिक तकदीर आजमाने उतरे हैं। राज्य की कुल 200 विधानसभा सीटों पर कुल मिलाकर बात की जाए तो 319 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनके नाम में 'राम' है। इनमें भाजपा के 30, कांग्रेस के 23, बहुजन समाज पार्टी के 27 और निर्दलीय 107 हैं। भाजपा के रामप्रताप (हनुमानगढ़), रामसिंह (सादुलपुर), खेमाराम (सूजानगढ़), रामलाल (चौमूं), रामावतार (चाकसू), रामहेत) किशनगढ़), रामस्वरूप (वैर), रामकिशोर (बांदीकुई), रामविलास (लालसोट), रामसहाय (निवाई), रामस्वरूप (नसीराबाद), मोहनराम (नागौर), रामचन्द्र (खीवंसर), भंवराराम (मेडता), रूपाराम (मकराना), केसाराम (मारवाड़ जक्शन), जोराराम (सुमेरपुर), पब्बाराम (फलौदी), भैंराराम (औसिंया), जोगाराम (लूणी), सोनाराम (बाड़मेर, अमराराम (पचपदरा) लादूराम (गुढ़ामनाली), आदूराम (चौहटन, पूराराम) भीनमाल, दानाराम (सांचौर), ओटाराम (सिरौही), समाराम (पिंडवाड़ा), जगासीराम (रेवदर), कालूराम (डग) से चुनाव मैदान में हैं। वहीं कांग्रेस के रामलाल (प्रतापगढ़), रामगोपाल (रामगंजमंडी), रामनारायण (पीपल्दा), रामलाल (मांडल), दयाराम (खेरवाडा), लालाराम (पिंडवाड़ा), जीवाराम (सिरोही), सुखराम (सांचौर), सेवाराम (आहोर), पदमाराम (चौहटन), हेमाराम (गुढ़ामनाली), मेवाराम (बाड़मेर), रूपाराम (जैसलमेर), हीराराम (बिलाड़ा), किशनाराम (लोहावत), जासाराम (मारवाड़ जंक्शन), रामनिवास (परबतसर), रामनारायण (नसीराबाद), टीकाराम (अलवर ग्रामीण), रामचन्द्र (बहरोड), परसराम (डोढ), मंगलराम (डूंगरगढ़), गोबिंदराम (खाजूवाला) चुनाव मैदान में हैं।
200 सीटों वाली विधानसभा में 199 सीटों पर हो रहे चुनाव के लिए कुल 2,294 उम्मीदवारों में से सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने सभी 200 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, तो वहीं कांग्रेस ने 195 और बसपा ने 190 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। आम आदमी पार्टी ने 142 उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में भेजा है। भाजपा के 31, कांग्रेस के 23, बसपा के 27 और निर्दलीय 107 सहित कुल 319 राम चुनाव में अपना-अपना भाग्य आजमाएंगे।
इनमें से किसका राजतिलक होगा, यह तो 11 दिसंबर को घोषित होने वाले परिणाम के दिन ही पता चल सकेगा। देश के सबसे बड़े राज्यों में शुमार इस राज्य की 200 विधानसभा सीटों के लिए 88 दलों के 2,294 उम्मीदवारों ने ताल ठोंकी है। इन चुनावों में 4.74 करोड़ मतदाताओं को सरकार के बारे में अपना फैसला 7 दिसंबर को ईवीएम में बंद करना है। एक प्रत्याशी का निधन होने से एक सीट पर चुनाव टल गया है और अब जोरआजमाइश 199 सीटों के लिए है।
चुनावों में यदि त्रिशंकू सरकार बनती है तो उसमें निर्णायक अहम भूमिका निभाने के लिए 840 निर्दलीय उम्मीदवार भी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। कम से कम 20 दल ऐसे हैं जिन्होंने एक ही प्रत्याशी को उतारा है जबकि 15 दल ऐसे हैं जिन्होंने 2 सीटों पर और 34 दल ऐसे हैं जिन्होंने 3 से लेकर 20 सीटों पर अपना चुनावी भविष्य आजमाने का फैसला किया है।