एनम गंभीर : प्रोफाइल
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को करारा जवाब देने वाली भारत की विदेश सेवा की अधिकारी एनम गंभीर इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं। जिस तरह से उन्होंने अपने भाषण में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और संरा में पाकिस्तान की दूत मलीहा लोधी को करारा जवाब दिया वह काबिले तारीफ है। हर तरफ उनके जवाब की ही चर्चा हो रही है।
एनम ने 'राइट टू रिप्लाई' का उपयोग करते हुए अपने छोटे से जवाब में पाकिस्तान को करारा तमाचा जड़ा है। गौरतलब है कि पाकिस्तान ने बड़ी ही ढीठता से कश्मीर का मुद्दा उठाया। मलीहा ने तो यहां तक कहा कि पाकिस्तान के लिए कश्मीर पर अब 'मिशन कश्मीर' बन गया है।
क्या था एनम का जवाब : संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की पहली सचिव एनम गंभीर ने कहा कि आतंकवाद मानवाधिकार का घोर उल्लंघन है। भारत इसके पड़ोसी देश पाकिस्तान की ओर से लंबे समय से आतंकवाद को बढ़ावा देने की नीति से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई देश आतंकवाद का बतौर नीति इस्तेमाल करता है तो यह युद्ध अपराध है।
गंभीर ने जैश-ए-मोहम्मद के मसूद अजहर और मुंबई हमले के मास्टमाइंड जकी उर रहमान लखवी का हवाला देते हुए कहा पाकिस्तान में आतंकवादी खुलेआम सड़कों पर घूमते हैं। इतना ही नहीं संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित कई कई आतंकी संगठन पाकिस्तान की धरती से अपने ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं। इन्हें पाकिस्तान सरकार मदद देती है। दुनिया आज तक हीं भुला पाई है कि पाकिस्तान के एबटाबाद में कैसे लादेन का पता लगाया गया था।
कौन हैं एनम गंभीर : विदेश मंत्रालय के लिए काम करने वाली एनम गंभीर भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) की 2005 बैच की अधिकारी हैं। गंभीर दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज से गणित में स्नातक हैं। उनके सहयोगी काफी तेज और कठोर परिश्रमी मानते हैं। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ जेनेवा से भी पढ़ाई की है। उन्हें पाकिस्तान से जुड़े मुद्दों पर काम करने का अच्छा अनुभव है। क्योंकि वे विदेश मंत्रालय की पाक डेस्क पर काम कर चुकी हैं।
एनम 2008 से 2011 तक अर्जेंटीना में भारतीय दूतावास के लिए काम कर चुकी हैं। इसके बाद उन्होंने भारत लौटकर पाकिस्तान, अफगानिस्तान और इरान डेस्क की जिम्मेदारी संभाली। ऐसा भी कहा जाता है कि वे ऐसी पहली महिला अधिकारी हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच से पाकिस्तान को लताड़ लगाई।