माघ माह का सोनकुंड मेला
देशभर में कई तरह के मेलों का आयोजन होता है। जैसे कुंभ मेला, माघी मेला, राजिम मेला, सूरजकुंड मेला आदि। इसी तरह से सोनकुंड मेले का आयोजन भी होता है। यह मेला माघी पूर्णिमा के अवसर पर छत्तीसगढ़ में आयोजित होता है। सोनकुंड में निरंतर 80 वर्ष से माघी पूर्णिमा पर्व पर साधु संतों का आगमन होता है। बताया जाता है कि अनेक महापुरुषों ने यहां तपस्या की थी।
प्रतीकात्मक चित्र
छत्तीसगढ़ के पेन्ड्रा क्षेत्र में सोनकुंड में अनूपपुर, शहडोल, कोरबा और बिलासपुर, लोरमी आदि स्थान से लोग पहुंचते हैं। संतों की उपस्थिति में धूमधाम से माघी पूर्णिमा पर्व मनाया गया। सोनकुंड को सोनमुडा और सोनबचरवार के नाम से भी जाना जाता है। सोनकुंड एक धार्मिक स्थल पर्यटन है। जहां पर छत्तीसगढ़ के ग्रामवासियों और वनवासियों के लोग दर्शन करने आते हैं।
सोनकुंड आश्रम में पांच दिवसीय मेला आयोजित होता है इसमें कई संत महात्मा सम्मलित होते हैं। आश्रम बेलगहना में भी संत समागम होता है। ज्ञात हो कि बेलगहना आश्रम से संबंधित 32 आश्रमों में प्रमुख माने जाने वाले सोनकुंड आश्रम में नर्मदा और सोनभद्र के प्राचीन मंदिर हैं।