Pradosh Vrat 2025: इस वर्ष 2025 में जनवरी माह का दूसरा प्रदोष व्रत 27 जनवरी, दिन सोमवार अर्थात् आज रखा जा रहा है। यह व्रत माघ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाएगा। यह भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। सोम का अर्थ है सोमवार तथा प्रदोष का अर्थ सूर्यास्त से पहले की अवधि, अत: सोमवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस व्रत को करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
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आइए यहां जानते हैं सोम प्रदोष व्रत-पूजन कैसे करें, पढ़ें सरल विधि :
- धार्मिक मान्यतानुसार प्रदोष काल सूर्यास्त के समय शुरू होता है।
- इस व्रत में प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है।
- इस पूजन हेतु शिवलिंग, बेलपत्र, धतूरा, दूध, दही, शहद, गंगाजल, धूप, दीप, नैवेद्य, चंदन, रोली आदि सामग्री की आवश्यकता पड़ती है।
- पूजा विधि:
* सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
* शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कराएं।
* बेलपत्र, धतूरा, दूध, दही, शहद आदि चढ़ाएं।
* धूप और दीप जलाएं।
* शिव मंत्रों का जाप करें जैसे :
- सबसे सरल और प्रभावी मंत्र : ॐ नमः शिवाय।
- इस मंत्र का जाप करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं : ॐ महादेवाय नमः
- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।
* फिर आरती करें।
* भगवान शिव से अपनी मनोकामनाएं मांगें।
- इस दिन व्रत रखा जाता है।
- आप फलाहार या निर्जला व्रत रख सकते हैं।
- इस दिन गरीबों को भोजन दान करना शुभ माना जाता है।
सावधानियां :
- लहसुन और प्याज का सेवन भी वर्जित है।
- व्रत के दौरान मन को शांत रखें और किसी भी प्रकार के विवाद से बचें।
- सोम प्रदोष व्रत के दौरान मांस, मछली और अंडे का सेवन नहीं करना चाहिए।
सोम प्रदोष व्रत के लाभ जानें :
- शिव की कृपा प्राप्त होती है।
- जीवन में सुख-शांति आती है।
- समस्त मनोकामना पूर्ण होती है।
- पापों का नाश होता है।
- मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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