ओलिम्पिक खेलों के 10 यादगार पल...
यादगार बन गई बोल्ट और फेल्प्स की कामयाबी
बीजिंग ओलिम्पिक खेलों का 29वाँ संस्करण कई खिलाड़ियों के लिए जीवनभर के लिए यादों में बस गया। खेल मैदान पर कुछ ऐसे लम्हे आए जो इनके लिए मील का पत्थर बन गए। इन्हीं 10 यादगार पलों को यहाँ प्रस्तुत किया जा रहा है। 1.
यूसैन बोल्ट ने 9.69 सेकंड में रेस पूरी कर 100 मीटर फर्राटा दौड़ में अपना ही विश्व रिकॉर्ड तोड़ा। रेस खत्म होने से पहले ही उन्होंने अपनी छाती पर मुक्का मार खुशी का इजहार शुरू कर दिया।2.
अमेरिका के जेसन लेजाक ने चार गुना 100 मीटर फ्रीस्टाइल रिले तैराकी के आखिरी चरण में फ्रांस के एलेन बर्नार्ड को जैसे ही पीछे छोड़ा, माइकल फेल्प्स खुशी से उछल पड़े। आखिर फेल्प्स ने एक ओलिम्पिक में सात स्वर्ण जीतने के अमेरिका के मार्क स्पिट्ज के रिकॉर्ड को तोड़ दिया था।3.
ट्रैक से लौटते समय लियू श्यांग के चेहरे पर बेबसी और गहरी उदासी थी। पैर की चोट के कारण लियू 110 मीटर बाधा दौड़ में अपने खिताब का बचाव नहीं कर सके और चीन के इस सबसे मशहूर एथलीट के साथ उनके करोड़ों प्रशंसकों का दिल टूट गया।4.
रूस की येलेना इसिनबायेवा ने बर्ड्स नेस्ट में 91 हजार की भीड़ पर जादू फेरते हुए बाँस कूद में विश्व रिकॉर्ड समय के साथ सुनहरी कामयाबी हासिल की।5.
उद्घाटन समारोह के बाद पता चला कि इसमें काफी गड़बड़झाला था। फिर भी यह कुल मिलाकर बेहतरीन रहा। खासतौर से जिमनास्ट ली निंग को स्टेडियम की छत तक उछाला जाना और उनका ओलिम्पिक ज्योति को रोशन करना। 6.
जर्मनी के भारोत्तोलक मथायस स्टेनर ने स्वर्ण जीतने के बाद अपनी मरहूम पत्नी की तस्वीर को चूम लिया। मथायस की आँखों में आँसू भरे थे। कार हादसे के बाद जब मथायस की पत्नी आखिरी साँसें ले रही थीं, तब उन्होंने उससे उसके लिए ओलिम्पिक स्वर्ण पदक जीतने का वायदा किया था।7.
अमेरिका के मैट एवंस ने 3.3 अंकों की बढ़त आखिरी शॉट में गँवा दी और निशानेबाजी का स्वर्ण उनके हाथों से फिसल गया। चार साल पहले एथेंस में भी वह तीन अंकों की बढ़त गँवाकर सुनहरी कामयाबी से चूक गए थे।8.
यूसैन बोल्ट ने 200 मीटर में माइकल जॉनसन का रिकॉर्ड तोड़ दिया। फिनिश लाइन की ओर बढ़ते समय उनकी नजरें लगातार घड़ी पर टिकी थीं। इस बार फिर उन्होंने छाती पर मुक्का जमाया मगर रेस पूरी करने के बाद।9.
रोहल्ला निकपाई ने अफगानिस्तान के लिए ओलिम्पिक इतिहास में पहला पदक जीता। उन्होंने पुरुष 58 किलो ताइक्वांडो में काँस्य पदक हासिल किया। हौसला बुलंद हो तो राह की रुकावटें इनसान को मंजिल तक पहुँचने से नहीं रोक सकतीं।10.
एस्तोनिया के जर्ड कैंटर ने चक्का फेंक का स्वर्ण जीतने की खुशी में 100 मीटर ट्रैक पर ही दौड़ लगा दी। बाद में उन्होंने बोल्ट के अंदाज में अपनी छाती पर मुक्का जमाया तो सब हँसी से लोटपोट हो गए।