महाष्टमी के 5 महाभोग से देवी होंगी प्रसन्न, दूर होंगे रोग
महा अष्टमी पर माता को खास तरह के भोग अर्पित करके उनकी पूजा आरती करें और हो सके तो हवन करें। माता प्रसन्न होकर आपकी मनोकामना पूर्ण करेंगी। यहां माता दुर्गा को अर्पित किए जाने वाले 5 मुख्य भोग के नाम। नवरात्रि के मौके पर उन्हें यह भोग लगाने से हर तरह की मनोकामना पूर्ण होती है। माताजी के प्रसन्न होने पर वह सभी तरह के संकट को दूर कर व्यक्ति को संतान और धन सुख देती है।
1. खीर : माता को खीर का भोग लगाएं। इसमें सूखे मेवे जरूर डालें।
2. मालपुए : तैयार मालपुए पर कतरे हुए पिस्ता-बादाम बुरकें और पेश करें और भोग लगाएं।
3. मीठा हलुआ : माता को सूजी का मीठा हलुआ पसंद है, जिसमें किशमिश और चारोली मिली हो।
4. पूरणपोळी : मीठे गुड़ और चने की दाल की पूरणपोली माता को बहुत पसंद। पूरनपोली अब अच्छी ज्यादा मात्रा में घी लगाकर कढ़ी या आमटी के साथ परोसें।
5. घेवर : यह भी मीठा होता है।
अष्टमी के दिन नारियल खाना निषेध है, क्योंकि इसके खाने से बुद्धि का नाश होता है। इसके आवला तिल का तेल, लाल रंग का साग तथा कांसे के पात्र में भोजन करना निषेध है। माता को नारियल का भोग लगा सकते हैं। कई जगह कद्दू और लौकी का भी निषेध माना गया है क्योंकि यह माता के लिए बलि के रूप में चढ़ता है।
यदि अष्टमी को पराण कर रहे हैं तो विविध प्रकार से महागौरी का पूजन कर भजन, कीर्तन, नृत्यादि उत्सव मनाना चाहिए विविध प्रकार से पूजा-हवन कर 9 कन्याओं को भोजन खिलाना चाहिए और हलुआ आदि प्रसाद वितरित करना चाहिए। माता को अर्पित करें ये- 1.खीर, 2.मालपुए, 3.मीठा हलुआ, 4.पूरणपोळी, 5.केले, 6.नारियल, 7.मिष्ठान्न, 8.घेवर, 9.घी-शहद और 10.तिल और गुड़।