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Written By Author वृजेन्द्रसिंह झाला

आप भी रोक सकते हैं 'हेट स्पीच', जानिए इस बारे में क्या कहता है भारतीय कानून

आप भी रोक सकते हैं 'हेट स्पीच', जानिए इस बारे में क्या कहता है भारतीय कानून - You can also stop 'hate speech', know what the Indian law says about this
भारत में इन दिनों हेटस्पीच की बाढ़-सी आई हुई है। एक टीवी डिवेट के दौरान नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के बाद विद्वेष फैलाने वाले बयान सोशल मीडिया पर काफी देखने को मिल रहे हैं। कोई नूपुर की गर्दन काटने पर 1 करोड़ के इनाम की घोषणा कर रहा है तो कोई जीभ काटने पर 1 करोड़ देने की बात कह रहा है। ताजा मामले में सांप्रदायिक सद्‍भाव की मिसाल अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह के खादिम सलमान चिश्ती ने भी नूपुर शर्मा के नाम की 'सुपारी' दे दी है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में उसने कहा है कि जो भी नूपुर की गर्दन काटेगा उसे वह अपना मकान दे देगा।
 
नूपुर शर्मा का समर्थन करने पर राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल नामक टेलर की गला रेतकर हत्या कर दी गई। साथ ही दूसरे लोगों में दहशत फैलाने के उद्देश्य से इस घटना का वीडियो भी वायरल किया गया। भारतीय दंड ‍संहिता और आईटी एक्ट में द्वेष फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान है। भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया है, जिस पर शिकायत कर इस तरह की हेट स्पीच को रोका जा सकता है। 
 
हेट स्पीच के दायरे में क्या? : राष्ट्रीय स्तर के साइबर एक्सपर्ट प्रो. गौरव रावल के मुताबिक हेट स्पीच एक ऐसा शब्द है जिसका अर्थ है इंटरनेट (सोशल मीडिया) पर लिखना या पोस्ट करना जिसका उद्देश्य किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह को डराना, बदनाम करना या हिंसा या दंगे भड़काना है। इसमें लिंग, धर्म, राष्ट्रीयता, विकलांगता, संप्रदाय, पंथ, धर्म, सामाजिक या राजनीतिक विचारों, वर्ग, पेशे आदि के प्रति पूर्वाग्रह के साथ लिखी गईं टिप्पणियां भी शामिल हैं।
 
रावल कहते हैं कि कोई भी व्यक्ति जो कंप्यूटर या संचार उपकरण के माध्यम से किसी भी तरह से आपत्तिजनक धर्म, चरित्र या किसी अन्य अनर्गल सूचनाएं भेजता है, जिससे कंप्यूटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग कर देखने या सुनने पर झुंझलाहट, डरना, खतरा, असुविधा, बाधा, अपमान, चोट, आपराधिक धमकी, घृणा या बुरी इच्छाशक्ति पैदा होती है तो ऐसे मामलों सजा का प्रावधान किया गया है। 
 
क्या है सजा का प्रावधान : इस तरह के मामले में 3 साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान है। यदि घृणा फैलाने वाले भाषण को आतंक पैदा करने के उद्देश्य से दिया जाता है, तो भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT ACT) 2008 की धारा 66F के अंतर्गत आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। इस तरह के मामलों में जब तक ट्रायल चलती है, आरोपी को जमानत भी नहीं मिलती। 
Gaurav Rawal
कैसे करें शिकायत : रावल कहते हैं कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने सोशल मीडिया पर आईएसआईएस की विचारधारा का प्रचार करने, युवाओं को कट्टरपंथी बनाने या ऐसी ही कोई अन्य कार्रवाई जिससे आतंकवाद फैलता हो, के खिलाफ आम लोगों को सूचित करने या शिकायत दर्ज करने के लिए एक हॉटलाइन नंबर 011-24368800 (24x7) जारी किया है। यदि कोई फेसबुक पोस्ट, ट्‍विटर, इंस्टाग्राम या व्हाट्सएप के माध्यम से इस तरह के मैसेज करे, तो तुरंत उस मैसेज का स्क्रीन शॉट लें साथ ही विवादित पोस्ट से संबंधित लिंक या यूआरएल (URL) को कॉपी करें और टोल फ्री 011–24368800 (24x7) नंबर पर कॉल करके सूचित करें। ईमेल पर इसकी सूचना दी जा सकती है। इस मामले में आपकी पहचान गुप्त रखी जाती है।