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Last Updated : गुरुवार, 24 अगस्त 2023 (19:31 IST)

चंद्रयान-3 के चांद पर उतरते ही सोशल मीडिया पर क्‍यों भिड़े ब्रिटिश और भारतीय, क्‍या है कोहिनूर से इसका कनेक्‍शन?

चंद्रयान-3 के चांद पर उतरते ही सोशल मीडिया पर क्‍यों भिड़े ब्रिटिश और भारतीय, क्‍या है कोहिनूर से इसका कनेक्‍शन? - Why British and Indians clashed on social media as soon as Chandrayaan-3 landed on the moon
भारत के चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंड कर के इतिहास रच दिया। इस उपलब्‍धि से पूरी दुनिया में भारत के नाम का डंका बज रहा है। पूरी दुनिया भारत की इस उपलब्‍धि की वाह-वाही कर रह है। बता दें कि 23 अगस्‍त को भारत ने अपने चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतारा, जिसके बाद ये घटना स्‍वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गई।

इसी बीच ब्रिटिश पत्रकार सोफी कोरकोरन (Sophie Corcoran) की ट्वीट से सोशल मीडिया में एक बहस छिड़ गई है। दरअसल, सोफी ने अपने ट्वीट में ब्रिटेन द्वारा भारत की स्पेस एजेंसी को दी जाने वाली सहायता राशि की वापस मांग कर दी है।
सोफी ने ट्वीट में लिखा—
India has become the first country to successfully land a spacecraft near the south pole of the moon so why did we send them £33.4 million in foreign aid which is set to rise to £57 million in 24/25. Time we get our money back.

‘भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान उतारने वाला पहला देश बन गया है, तो हमने उन्हें £33.4 मिलियन की विदेशी सहायता क्यों भेजी, जो 24/25 में बढ़कर £57 मिलियन हो जाएगी। समय आ गया है कि हम अपना पैसा वापस लें’

यह ट्वीट काफी देखा जा रहा है। ट्वीट वायरल होते ही क्या था, भारतीयों ने जमकर सोफी की क्लास ले ली। इस तरफ से भारतीयों ने भी ब्रिटेन द्वारा भारत से साल 1765 से 1938 के बीच लूटी गई संपत्ति और कोहिनूर हीरे की मांग कर दी।

दरअसलख, ब्रिटिश पत्रकार सोफी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि ब्रिटेन को भारत को सहायता नहीं भेजनी चाहिए, क्योंकि उसके पास एक एडवांस अंतरिक्ष कार्यक्रम है। अब समय आ गया है कि हमें अपना पैसा वापस मिल जाए।

वहीं, एक ब्रिटिश न्यूज चैनल जीबी न्यूज के प्रेजेंटर ने लिखा, ‘भारत, हमें हमारा £2.3 बिलियन वापस दो!’ उसके बाद लिखा, एक नियम के मुताबिक यदि आप चंद्रमा के अंधेरे हिस्‍से (Dark Side) पर रॉकेट पहुंचा सकते हैं तो आपको विदेशी सहायता के लिए हाथ फैलाकर हमारे पास नहीं आना चाहिए!’

बता दें कि अर्थशास्त्री उत्सा पटनायक के अध्ययन ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में बताया है, ‘1765 से 1938 के बीच ब्रिटिश भारत से तकरीबन 45 ट्रिलियन डॉलर लूट कर ले गए थे’ यह राशि आज ब्रिटेन के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) से 15 गुना अधिक है।
Edited by navin rangiyal
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