रैंसमवेयर मांग रहा है बिटकॉइन में फिरौती, जानिए क्या है बिटकॉइन
मालवेयर कंप्यूटर वायरस 'रैंसमवेयर' की चपेट में आकर कंप्यूटर प्रभावित हो रहे हैं। खबरों के मुताबिक 150 से ज्यादा देश इस साइबर अटैक के शिकार हो चुके हैं। साइबर अटैकर्स फिरौती के रूप में बिटकॉइन की मांग कर रहे हैं। आखिर जानते हैं क्या है बिटकॉइन।
दुनिया की सबसे महंगी करंसी : यह दुनिया की सबसे महंगी करंसी है। यह एक वर्जुअल करंसी है। बिटकॉइन को ऑनलाइन बाजार में बेचा जा रहा है। भारत में भी बिटकॉइन बनाने और इसका प्रयोग करने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। खबरों के मुताबिक भारत में एक बिटकॉइन की कीमत लगभग 1 लाख 10 हजार रुपए है।
कब बनी यह करंसी : माना जाता है कि 2008-09 में सतोषी नाकामोतो नामक एक सॉफ्टवेयर डेवलपर ने प्रचलन में लाया था।
नहीं होती है पहचान : कम्प्यूटर नेटवर्कों के जरिए इस मुद्रा से बिना किसी मध्यस्थता के लेन-देन किया जा सकता है। आप पेटीएम या क्रेडिट कार्ड के जरिए लेन-देन करते हैं जबकि बिटकॉइन में आप सीधे-सीधे किसी को भी पेमेंट कर सकते हैं। बिटकॉइन का फायदा यह रहता है कि इसमें लेन-देन गुमनाम रहता है। इसके लिए इंटरनेट कनेक्शन की आवश्कता है।
डिजिटल पर्स होता है जिसमें आपकी बिटकॉइन रखी होती है जिसे आप किसी दूसरे के पर्स में डायरेक्ट डाल सकते हैं। इस करंसी को क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है जबकि जटिल कम्प्यूटर एल्गोरिथम्स और कम्प्यूटर पावर से इस मुद्रा का निर्माण किया जाता है जिसे माइनिंग कहते हैं। जिस तरह रुपए, डॉलर और यूरो खरीदे जाते हैं, उसी तरह बिटकॉइन की भी खरीद होती है।
बिटकॉइन के खतरे : 2013 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने चेतावनी जारी कर दी थी। आरबीआई ने वर्चुअल करंसी के ट्रेडर्स और होल्डर्स जिनमें बिटकॉइन भी शामिल है, के यूजर्स को गंभीर फाइनेंशल, ऑपरेशनल और लीगल सुरक्षागत खतरों को लेकर चेतावनी जारी की थी, लेकिन बाद में इसकी 'ब्लॉकचेन' टेक्नोलॉजी की प्रशंसा की। ब्लॉकचेन एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो बिटकॉइन के ट्रांजेक्शंस का पूरा रिकॉर्ड रखता है और जिसे भेद पाना लगभग नामुमकिन है।