शिया वक्फ बोर्ड के मुखिया वसीम रिजवी ने कहा, कट्टरपंथी मुल्लाओं और कांग्रेस की वजह से अयोध्या विवाद कोर्ट में फंसा
लखनऊ। अयोध्या में राम जन्मभूमि- बाबरी मस्जिद की जमीन पर मालिकाना हक को लेकर सोमवार से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। इससे पहले शिया वक्फ बोर्ड के मुखिया वसीम रिजवी ने कहा है कि कट्टरपंथी मौलानाओं और कांग्रेस की वजह से अयोध्या मामला कोर्ट में फंसा हुआ है।
वसीम रिजवी ने कहा, 'जो भगवान दुनिया के इंसानों की किस्मत का फैसला करता है, 'वह भगवान अपने घर के फैसले के लिए इंसानी अदालत के फैसले का इंतजार कर रहा है। यह पूरी दुनिया के इंसानों के लिए शर्म की बात है।'
उधर, आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि हर हिंदुस्तानी चाहता है कि यह मसला कोर्ट के जरिए हल हो जाए। अब जरूरत मुल्क के इस बड़े मसले के हल होने की है। सुप्रीम कोर्ट सभी पक्षकारों की पूरी बात सुनकर फैसला सुनाएगी। किसी के भी दिल में फैसले पर गिला-शिकवा नहीं रहेगा।
कोर्ट का जो भी फैसला आएगा उस पर सभी देशवासी अमल करेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कोर्ट के फैसले की बात न मानने की बात कह रहे हैं। वे लोग सुप्रीम कोर्ट के महत्व को कम कर रहे हैं। आज की सुनवाई से उम्मीद है कि मामले का हल निकलना शुरू हो जाएगा।
मामले में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि जो भी निर्णय होना हो वह जल्द से जल्द आ जाए। 70 सालों से विवाद हो रहा है। पूरे मामले में नेता अपनी सियासत की रोटी सेंक रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने सबूत दिए हैं। सबूतों के आधार पर फैसला होगा।
बीजेपी के लोग जब चुनाव आता है तो कानून बनाने की बात करते हैं। अयोध्या के विकास की कोई बात नहीं करता। 70 सालों में अयोध्या का विकास नहीं हुआ है। अदालत के फैसले का इंतजार है और फैसला सबूतों के आधार पर होगा।