शनिवार, 21 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Rotomac scam, Vikram Kothari, Rahul Kothari
Written By
Last Modified: शुक्रवार, 23 फ़रवरी 2018 (23:14 IST)

रॉटोमैक का मालिक और बेटा एक दिन की ट्रांजिट रिमांड पर

रॉटोमैक का मालिक और बेटा एक दिन की ट्रांजिट रिमांड पर - Rotomac scam, Vikram Kothari, Rahul Kothari
नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने 3,695 करोड़ रुपए का ऋण नहीं चुकाने से जुड़े एक मामले में रॉटोमैक के मालिक विक्रम कोठारी एवं उनके बेटे राहुल को लखनऊ की अदालत में पेश करने की खातिर आज उन्हें एक दिन के लिए सीबीआई की ट्रांजिट रिमांड में भेज दिया।


अदालत ने कहा कि कथित रुप से गबन की गई राशि बरामद करने के लिए उत्तर प्रदेश में दोनों की उपस्थिति जरुरी है। दोनों को अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के सामने पेश किया गया था। सीबीआई ने उन्हें लखनऊ ले जाने के लिए अदालत से दो दिन के लिए उनकी ट्रांजिट रिमांड मांगी थी।

सीबीआई ने आरोप लगाया कि इस अपराध के वैश्विक प्रभाव हैं तथा उसे आरोपियों के तौर तरीके का पता लगाना है एवं गबन की गई राशि बरामद करनी है जो बैंकों को ठग कर हासिल की गई। मजिस्ट्रेट ने कहा, 24 घंटे के अंदर उन्हें संबंधित अदालत में पेश कीजिए। दोनों आरोपियों को ऋण अदायगी के कथित उल्लंघन को लेकर कल गिरफ्तार किया गया था।

दोनों की ट्रांजिट रिमांड की मांग करते हुए जांच एजेंसी ने यह भी कहा कि उसे अपराध से प्राप्त राशि बरामद करनी है और बड़ी साजिश का खुलासा करना है। इस सिलसिले में उसे दोनों आरोपियों को न्याय के हित में लखनऊ में विशेष न्यायाधीश एम पी चौधरी की विशेष अदालत में पेश करना है।

कोठारी के वकील प्रमोद कुमार दुबे ने अपने मुवक्किल की ओर से कहा, आप अपना चेहरा बचाने के लिए मुझे बलि का बकरा बना रहे हैं क्योंकि आपका एक आरोपी देश से भाग चुका है। सवाल है कि मेरी हिरासत के पीछे कौन अपना चेहरा ढ़क रहा है। हालांकि दुबे ने भागने वाले आरोपी के तौर पर किसी का नाम नहीं लिया।

अपने आवेदन में सीबीआई ने कहा कि चूंकि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे और अस्पष्ट जवाब दे रहे थे, ऐसे में उन्हें गिरफ्तार किया गया। वैसे दिन में इससे पहले बचाव पक्ष के वकील ने अदालत के क्षेत्राधिकार पर एतराज किया था और कहा था कि आरोपी मजिस्ट्रेट अदालत में नहीं, सीबीआई अदालत में पेश किये जाएं। लेकिन मजिस्ट्रेट अदालत ने यह दलील खारिज कर दी और सीबीआई की अर्जी पर दलीलें सुनी।

सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार सात बैंकों के एक समूह ने रॉटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड को 2008 के बाद से 2,919 करोड़ रुपए का ऋण दिया। भुगतान नहीं किए जाने के कारण यह राशि ब्याज समेत 3,695 करोड़ रुपए हो गई।

बैंक ऑफ बड़ोदा की शिकायत पर सीबीआई ने कार्रवाई शुरू की है। बैंक ऑफ बड़ोदा ने नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चौकसी की तरह कोठारी के भी विदेश भाग जाने की आशंका से सीबीआई से संपर्क किया था। वैसे सात बैंकों के समूह का अगुवा बैंक ऑफ इंडिया है।

समूह में अन्य बैंक ओवरसीज बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स हैं। सीबीआई ने विक्रम, उनकी पत्नी साधना, पुत्र राहुल और अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। (भाषा)
ये भी पढ़ें
पीएनबी घोटाले पर पहली बार पीएम नरेन्द्र मोदी ने चुप्पी तोड़ी...